‘कोलकाता रेप केस की पीड़िता के मामले को सामान्य घटना बताना घायल अंतरात्मा पर नमक छिड़कने जैसा है।’ ये टिप्पणी है उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की। उन्होंने ये बात कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल के उस बयान पर कही, जिसमें सिब्बल ने ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए भयावह रेप और मर्डर की घटना को बीमारी अवस्था करार देते हुए इसे आम घटना बताया था।
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रिपोर्ट के मुताबिक, सिब्बल, जो कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं, उन्होंने एक प्रस्ताव पास किया था। इसी प्रस्ताव के तहत कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के वारदात को एक सामान्य घटना करार दिया है। कपिल सिब्बल की इस हरकत पर उपराष्ट्रपति इस बात पर अफसोस जताते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणी हमारे दर्द को और अधिक बढ़ा रही है। इस तरह के भयंकर विचारों के लिए किसी तरह का कोई बहाना नहीं हो सकता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं इस तरह की गलतफहमी के शिकार लोगों से अपनी टिप्पणियों पर फिर से विचार करके सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने का आह्वान करता हूं। वह कहते हैं कि इस तरह की घटनाओं से हमारा दिल घायल है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं हेल्थ प्रोफेशनल्स और महिलाओं के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को मानते हुए कहा कि मैं आपके सामने हूं। पूरा देश आज आपकी अदालत में है। उन्होंने एक ऐसा तंत्र बनाने पर जोर दिया, जिसके तहत स्वास्थ्यकर्मियों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जा सके।
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चिकित्सक दूसरों को जीवन देते हैं
उपराष्ट्रपति कहते हैं कि डॉक्टर दूसरों को जीवन देने और मानवता की सेवा करने के लिए ये 24 घंटे समर्पित रहते हैं। डॉक्टर हमेशा सुविधापूर्ण जीवन को पीछे छोड़कर चुनैतीपूर्ण पेशे को चुनते हैं। कोलकाता जैसी घटनाओं को देखने के बाद अब बच्चियों के माता-पिता उन्हें अपनी बेटी को डॉक्टर बनाने से पहले सोचेंगे। इसके साथ ही कोलकाता रेप केस में चुप्पी साधे बैठे कुछ एनजीओ पर भी उपराष्ट्रपति ने निशाना साधा। उन्होंने ऐसे एनजीओ की चुप्पी अपराधियों के दोष से भी अधिक बदतर है।
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