बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर लगातार कई चौकाने वाले मामले सामने आते जा रहा हैं। हाल ही में एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के शिक्षकों पर सरकारी नौकरियों से इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला जा रहा है। 5 अगस्त 2024 से अब तक लगभग 50 हिंदू शिक्षकों को मजबूर किया गया है कि वे अपने पदों से इस्तीफा दें। यह मामला देश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के साथ हो रहे अत्याचार की एक और कड़ी है, जो सत्ता परिवर्तन के बाद से बढ़ते जा रहे हैं।
यह घटनाक्रम उस समय प्रकाश में आया जब विभिन्न क्षेत्रों के हिंदू शिक्षकों ने बताया कि उन्हें जबरन इस्तीफा देने के लिए कहा जा रहा है। इन शिक्षकों का कहना है कि उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है और अगर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया तो उनके और उनके परिवार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वहीं इस तरह की घटना के कई वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हैं। जिनमे साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे कट्टरपंथियों की भीड़ हिंदू शिक्षाविदों को घेरकर उने इस्तीफा देने के लिए प्रताड़ित कर रही है। वहीं कुछ वीडियो में तो जबरन इस्तीफा लेने के बाद इस्लामिक छात्रों की भीड़ गैर मुस्लिम शिक्षकों के गले में जूतों की माला पहनाकर उसका जुलुस निकलकर जश्न मनाती हुई नजर आती है।
बांग्लादेश में, जहां हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक है, वहां पर ऐसे मामलों का सामने आना गहरी चिंता का विषय है। सत्ता परिवर्तन के बाद से ही हिंदू समुदाय पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। सरकारी नौकरियों से हिंदू शिक्षकों को हटाना, न केवल उनके करियर को खतरे में डालता है बल्कि यह एक समुदाय को सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिये पर धकेलने का प्रयास है।
इस संदर्भ में, बांग्लादेश की सरकार और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से मांग की जा रही है कि वे इस मामले की तुरंत जांच करें और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि बांग्लादेश में सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्राप्त हों, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति से संबंधित हों।
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