कोलकाता रेप केस में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार सियासत कर रही हैं। उन्होंने इसको लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखकर उस पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश की, लेकिन केंद्र के जबाव से उनकी ये चालाकी फेल हो गई है। दरअसल, केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने कहा है कि कोलकाता हाई कोर्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल ने 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित किए गए हैं।
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केंद्र ने कहा है कि उसकी योजना के तहत आने वाले फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के समान नहीं है। राज्य में रेप और POCSO एक्ट के 48, 600 केस लंबित हैं, बावजूद इसके अतिरिक्त 11 FTSC को चालू नहीं किया है। जबकि, प्रदेश की जरूरतों के आधार पर पोक्सो कोर्ट रेप या पोक्सो या दोनों ही केस में दोनों ही मामलों से निपटने वाले संयुक्त एफटीएससी हो सकते हैं।
केंद्र सरकार ने ममता बनर्जी के पत्र का जबाव देते हुए स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री के पत्र में लिखी गई जानकारियां तथ्यात्मक रुप से गलत है। केंद्र ने ममता बनर्जी के पत्र पर पलटवार करते हुए यह राज्य द्वारा एफटीएससी को शुरू करने में देरी पर पर्दा डालने की दिशा में एक कदम है।
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क्या कहा था ममता बनर्जी ने
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने दूसरे पत्र में केंद्र सरकार से बलात्कार और हत्या जैसे मामलों में सख्त कानून और सजा की मांग की गई है। ममता बनर्जी का कहना था कि रेप और हत्या के मामले को समयबद्ध तरीके से निपटाया जाना अनिवार्य है। हालांकि, केंद्र ने उनके झूठ की पोल खोल दी। बता दें कि कोलकाता रेप केस की जांच सीबीआई पहले से ही कर रही है। जबकि, कोलकाता पुलिस और राज्य सरकार पर इस मामले को दबाने की कोशिशें कर रहे हैं।
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