कोलकाता, (हि.स.)। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई अधिकारी इस सिद्धांत पर काम कर रहे हैं कि अगर बलात्कार और हत्या की घटना “कुछ” लोगों द्वारा की गई है, तो सबूतों से छेड़छाड़ के अपराध में “कई” लोग शामिल हो सकते हैं। इसी सिद्धांत के तहत सीबीआई सबूतों से छेड़छाड़ के प्रमाण जुटाने का प्रयास कर रही है ताकि वह आर.जी. कर बलात्कार और हत्या मामले के पीछे की सच्चाई के करीब पहुंच सके।
इस जांच के सिलसिले में, सीबीआई के लिए एक हालिया वायरल वीडियो बेहद महत्वपूर्ण बन गया है, जिसमें आर.जी. कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी सहयोगियों को सेमिनार हॉल में देखा गया था, ठीक उस समय जब नौ अगस्त की सुबह पीड़िता का शव बरामद किया गया था। हालांकि, वीडियो में पीड़िता का शव दिखाई नहीं देता है।
सूत्रों ने बताया कि हालांकि कोलकाता पुलिस का दावा है कि शव की बरामदगी के बाद सेमिनार हॉल का बड़ा हिस्सा सील कर दिया गया था, सीबीआई अधिकारी इस तर्क को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उनके अनुसार, प्रोटोकॉल के मुताबिक, पूरे सेमिनार हॉल को “अपराध स्थल” माना जाना चाहिए था, और इसीलिए सिर्फ एक हिस्से को सील करने के बजाय पूरे हॉल को सील किया जाना चाहिए था ताकि वहां किसी और की एंट्री को रोका जा सके।
सीबीआई के जांच अधिकारी (आईओ) सोशल मीडिया पर फर्जी सीबीआई लेटरहेड पर हाल ही में प्रसारित होने वाले पत्रों की भी जांच कर रहे हैं, जहां कथित केंद्रीय एजेंसी के ‘अधिकारियों’ ने मामले के विभिन्न पहलुओं पर टिप्पणी की है। सूत्रों ने कहा कि आईओ का मानना है कि इन फर्जी पत्रों को जानबूझकर प्रसारित किया जा रहा है ताकि जांच प्रक्रिया के बारे में गलत सूचना फैलाकर लोगों को गुमराह किया जा सके। सीबीआई अधिकारी इन फर्जी पत्रों के स्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे मुख्य अपराध के पीछे की सच्चाई के करीब पहुंच सकें।
सीबीआई अधिकारी संदीप घोष के मोबाइल फोन से मिले या किए गए कॉल्स की भी जांच कर रहे हैं, जो कि उस समय के आसपास किए गए थे जब शव मिला था। आईओ यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन बातचीत के दौरान वास्तव में क्या हुआ था। वे यह जानना चाहते हैं कि उस सुबह घोष ने किसी को कोई जानकारी दी थी या किसी से कोई निर्देश प्राप्त किया था या नहीं।
दिल्ली रवाना हुए राज्यपाल बोस, अमित शाह से मिलने का कार्यक्रम
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस गुरुवार को त्वरित निर्णय लेते हुए दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं। गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और पार्टी नेता दिलीप घोष ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। इसके तुरंत बाद खबर आई कि राज्यपाल दिल्ली जाएंगे। राजभवन के सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यपाल को दिल्ली बुलाया है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बंगाल की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हो सकती है।
मंगलवार को ‘पश्चिम बंगाल छात्र समाज’ नामक एक संगठन ने नबान्न (राज्य सचिवालय) तक विरोध मार्च निकाला, जिसमें भाजपा ने समर्थन दिया था। इस मार्च के बाद बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के छात्र संगठन टीएमसीपी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर तीखा हमला किया। उनके कुछ बयानों को लेकर विवाद भी उत्पन्न हो गया। बुधवार को सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयानों पर आपत्ति जताई और उनके खिलाफ आवश्यक कदम उठाने की मांग की।
गुरुवार को, सुकांत मजूमदार ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात की और मुख्यमंत्री के बयानों के खिलाफ चिंता व्यक्त की। राजभवन से बाहर निकलने के बाद सुकांत ने कहा कि राज्य के सर्वोच्च पद पर रहते हुए इस प्रकार के बयान देना उचित नहीं है। मुख्यमंत्री के बयान बांग्लादेश की जमात के बयानों से मेल खा रहे हैं। उन्होंने असम, ओडिशा जैसे राज्यों के खिलाफ भी बातें की हैं। हमने राज्यपाल को बताया कि राज्य की कानून व्यवस्था चरमरा गई है, और उन्होंने जो भी संवैधानिक कदम उठाने की जरूरत समझें, वह उठाएं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को एक रैली में कहा था, “हमने कहा था, बदला नहीं, बदलाव चाहिए। लेकिन अब मैं कहती हूं, जो करना है, वह आप समझकर करें।”
सुकांत मजूमदार ने अमित शाह को लिखे अपने पत्र में इस बयान का हवाला देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के इस निर्लज्ज बयान से मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। इसके माध्यम से वे बदले की राजनीति को प्रोत्साहन दे रही हैं।
बंगाल में आग लगी तो असम, बिहार और यूपी भी जलेंगे
इसके अलावा, ममता के एक और बयान ने विवाद खड़ा कर दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि बंगाल में आग लगी तो असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे। उनके इस बयान के बाद असम, ओडिशा जैसे भाजपा शासित राज्यों ने ममता पर एकजुट होकर हमला बोला था। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहनचरण माझी ने उनके बयान की कड़ी निंदा की थी। इन घटनाओं के बाद ही राज्यपाल को दिल्ली बुलाए जाने की खबर सामने आई है।
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