कोलकाता, (हि.स.) । महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष से 13 दिनों में 100 घंटे से ज्यादा पूछताछ की है। गुरुवार को 14वें दिन संदीप घोष एक बार फिर सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय में पूछताछ के लिए पहुंचे।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने 15 अगस्त को आरजी कर कांड की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था। इसके बाद से पिछले 14 दिनों में संदीप घोष को 13 बार पूछताछ के लिए बुलाया गया, जिसमें उन्हें लगभग 103 घंटे तक सीबीआई के सवालों का सामना करना पड़ा।
महिला डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म के इस जघन्य मामले के अलावा सीबीआई को आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। इन दोनों मामलों में संदीप घोष को मुख्य आरोपित बनाया गया है।
सीबीआई की लगातार पूछताछ के बीच इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि मामले में जल्द ही कोई महत्वपूर्ण खुलासा हो सकता है। जांच एजेंसी इस मामले से जुड़े हर पहलू को बारीकी से खंगाल रही है, ताकि सच्चाई को सामने लाया जा सके।
अस्पताल के मुर्दाघर में अचानक पहुंची सीबीआई
गुरुवार को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के मुर्दाघर में अचानक सीबीआई की एक टीम पहुंच गई, जिससे अस्पताल में हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार, सीबीआई के अधिकारी अस्पताल के मुर्दाघर में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने के लिए पहुंचे थे। सीबीआई की यह कार्रवाई उस समय हुई जब आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीजीओ कॉम्प्लेक्स में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। ठीक उसी समय सीबीआई की टीम आर.जी. कर अस्पताल के मुर्दाघर पहुंची और वहां विभिन्न जानकारियां एकत्रित की। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, यह पड़ताल आर.जी. कर अस्पताल से जुड़ी आर्थिक अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में की गई है। आरोप है कि अस्पताल में जैविक कचरे से संबंधित गड़बड़ियों में भ्रष्टाचार हुआ है, जिसमें संदीप घोष का नाम सामने आया है। इस मामले में संदीप घोष के करीबी और आर.जी. कर के फॉरेंसिक विभाग के शिक्षक देवाशीष सोम का भी नाम शामिल है।
भाजपा ने बंगाल के राज्यपाल से मुलाकात की
आर.जी. कर अस्पताल में नौ अगस्त को महिला डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के मामले के बाद बंगाल में कानून-व्यवस्था को लेकर लेकर पश्चिम बंगाल में उभरे संकट के बीच, गुरुवार को केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राज्यपाल डॉ सी.वी. आनंद बोस से मुलाकात की। इस बैठक में राज्य में उत्पन्न हालात पर चर्चा की गई। इस दौरान राज्य के पूर्व पार्टी अध्यक्ष दिलीप घोष और अन्य भाजपा नेता भी उपस्थित रहे।
मजूमदार ने राज्यपाल से अपील की कि वे पश्चिम बंगाल के लोगों के अधिकारों की रक्षा करें और राज्य को इस संकट से उबारने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। उन्होंने कहा, “हमने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे पश्चिम बंगाल के लोगों के अधिकारों की रक्षा करें और राज्य को इस गंभीर स्थिति से बाहर निकालने के लिए जो भी कदम उठाने हों, वह उठाएं।” मजूमदार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह अपने बयानों से राज्य में अशांति फैला रही हैं, जबकि पिछले तीन हफ्तों से इस मामले में न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन चल रहे हैं।
मजूमदार ने ममता बनर्जी पर राज्य सरकार के मुखिया के रूप में विफल रहने का आरोप लगाया और कहा, “हमने राज्यपाल को इस स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी है, जो नौ अगस्त की घटना के बाद से और भी खराब हो गई है। हम राज्यपाल से अनुरोध करते हैं, जो संविधान के संरक्षक हैं, कि वे इन मुद्दों का समाधान करें।”
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी सहित कई भाजपा नेताओं ने ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री इस मामले को लेकर उचित कार्रवाई करने में विफल रही हैं और उन्होंने सबूतों को छिपाने और कुछ अपराधियों की रक्षा करने का प्रयास किया है। उन्होंने अनुच्छेद 356 के तहत केंद्र सरकार की दखलअंदाजी की भी मांग की है, जो विशेष परिस्थितियों में राज्य में केंद्रीय हस्तक्षेप की अनुमति देता है।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद, मजूमदार और अन्य भाजपा नेताओं ने एस्प्लेनेड क्षेत्र के वाई चैनल पर एक धरना प्रदर्शन में हिस्सा लिया और आर.जी. कर अस्पताल मामले को लेकर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की।
इस बीच, भाजपा टीम की राजभवन यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए, तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने पत्रकारों से कहा, “हम तो राज्यपाल को हटाने की मांग कर रहे थे, जिन पर एक पूर्व राजभवन स्टाफर द्वारा यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं।” घोष ने कहा, “चुनाव में चुनी हुई सरकार को हटाने की मांग करने के बजाय, भाजपा नेताओं को यह समझाना चाहिए कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद इस राज्यपाल को क्यों नहीं हटाया जा सकता।”
आर.जी. कर अस्पताल मामले से जुड़े एक ऑडियो रिकॉर्डिंग के सामने आने पर घोष ने कहा, “हम इस रिकॉर्डिंग की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकते। इसे सीबीआई द्वारा जांच का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। हम अब भी मांग करते हैं कि सभी अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाए, पीड़िता के परिवार और दोस्तों को न्याय मिले, और सच्चाई सामने आए।”
पीड़िता के माता-पिता ने की सीबीआई पर दबाव बढ़ाने की मांग
आर.जी. कर अस्पताल कांड के मामले में पीड़िता के माता-पिता ने जांच में तेजी लाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर दबाव बढ़ाने की अपील की है। बीते बुधवार को सीबीआई की दो सदस्यीय टीम पीड़िता के घर पहुंची और उनसे मामले से जुड़े कुछ जरूरी जानकारी ली। पीड़िता की मां ने गुरुवार को बताया, “सीबीआई के दो अधिकारी कुछ जानकारी लेने आए थे, हमने सब कुछ बताया। उन्होंने कहा कि वे अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।”
पिछले 14 दिनों से इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है, लेकिन जांच की प्रगति को लेकर नागरिक समाज और राजनीतिक दलों में सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग जांच में तेजी लाने की मांग कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने भी इस मामले को लेकर आवाज बुलंद की है। पीड़िता का परिवार भी चाहता है कि इस मामले में जांच एजेंसी पर दबाव बनाया जाए ताकि जल्दी न्याय मिल सके।
इस मामले में तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को टीएमसीपी (तृणमूल छात्र परिषद) के स्थापना दिवस के कार्यक्रम से आर.जी. कर अस्पताल के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष की गिरफ्तारी न होने पर सवाल उठाया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पीड़िता के पिता ने कहा, “अभिषेक बनर्जी ने बहुत अच्छा कहा। हम भी चाहते हैं कि सीबीआई पर दबाव बने ताकि वे अपनी प्रतिष्ठा के अनुसार काम करें। हमने सीबीआई से भी कहा है कि आप इतनी बड़ी संस्था हैं, आपकी इतनी प्रतिष्ठा है। उसी के अनुरूप काम करके जल्दी से इसका समाधान करें।”
पीड़िता के परिवार का यह भी कहना है कि उनकी बेटी के लिए न्याय की मांग को लेकर जो आंदोलन चल रहा है, वह जारी रहना चाहिए।
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