उत्तराखंड

अब इस प्रदेश में प्लास्टिक के बदले मिलेगा पैसा, जानिए क्या है नई स्कीम

Published by
दिनेश मानसेरा

देहरादून । उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राज्य सरकार ने एक नई योजना का शुभारंभ किया है, जिसके तहत पर्यटकों को प्लास्टिक कचरा वापस करने पर पैसे मिलेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में इस योजना की शुरुआत की, जिसमें पर्यटकों को प्लास्टिक की बोतलें, चिप्स रैपर और अन्य प्लास्टिक कचरे को कलेक्शन प्वाइंट पर जमा करने के बदले डिजिटल पेमेंट मिलेगा।

डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम का शुभारंभ

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संचालित इस योजना का उद्देश्य प्लास्टिक कचरे को कम करना और इसे पुनर्चक्रण के लिए वापस लाना है। इस प्रणाली के तहत, प्लास्टिक की बोतलों और अन्य प्लास्टिक कचरे पर क्यूआर कोड लगे होंगे। जब पर्यटक इन कचरों को नजदीकी कलेक्शन प्वाइंट पर जमा करेंगे और क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे, तो उन्हें इसके बदले में एक निश्चित धनराशि वापस मिलेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर स्वयं प्लास्टिक की बोतल को स्कैन करके डिजिटल पेमेंट प्राप्त किया और इस योजना की सराहना की। उन्होंने कहा, “यह पहल पर्यावरण संरक्षण, प्लास्टिक की खपत को कम करने और अधिक से अधिक प्लास्टिक को पुनर्चक्रण में लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह चार धाम यात्रा और अन्य पर्यटन स्थलों में स्वच्छता बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगी।”

प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन में क्रांति

उत्तराखंड में प्लास्टिक कचरे की समस्या को देखते हुए, इस योजना को हिमालयी क्षेत्रों में सफलतापूर्वक लागू किया गया है। दो साल पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई इस योजना को रुद्रप्रयाग जिले में प्रभावी ढंग से लागू किया गया, जिसके लिए राज्य को डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022 से भी सम्मानित किया गया था।

सरकार का संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार क्लीन उत्तराखंड, ग्रीन उत्तराखंड पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा, “प्लास्टिक की समस्या संपूर्ण विश्व के लिए चुनौती बन गई है। राज्य की प्राकृतिक संपदा को सुरक्षित रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।”

इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति  विश्वास डाबर, मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ धनंजय मोहन, विशेष सचिव/मेंबर सेक्रेटरी, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव युगल किशोर पंत, आलोक कुमार पाण्डेय, एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

Share
Leave a Comment
Published by
दिनेश मानसेरा