घर में घिरीं ममता
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

घर में घिरीं ममता

कोलकाता बलात्कार कांड पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई। ममता की मुश्किल उनकी पार्टी के नेता भी बढ़ा रहे

by अरुण कुमार सिंह
Aug 28, 2024, 04:17 pm IST
in भारत, विश्लेषण, पश्चिम बंगाल
कोलकाता में प्रदर्शन करते आम लोग

कोलकाता में प्रदर्शन करते आम लोग

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

लगभग 15 दिन बाद (इस रपट के लिखे जाने तक) भी कोलकाता में न्याय की मांग करता आंदोलन थमा नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि जो लोग आंदोलन में भाग ले रहे हैं, उन्हें कोई बुला नहीं रहा। लोग स्वयं आ रहे हैं और उस डॉक्टर बिटिया, जिसकी बर्बरता से हत्या कर दी गई, के साथ न्याय करने की मांग कर रहे हैं।

दूसरी ओर 22 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय ने भी पश्चिम बंगाल सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस कांड में लापरवाही बरतने पर ममता सरकार को जमकर फटकार लगाई। पीठ ने कहा कि सुबह 10.10 बजे (9 अगस्त) अप्राकृतिक मौत की बात सामने आई। शव उठाते समय पुलिस को पता था कि यह अप्राकृतिक मौत है। इसके बावजूद रात में 11.45 बजे एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल को भी नहीं बख्शा और फटकार लगाते हुए उन्हें जिम्मेदारी के साथ जवाब देने को कहा।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति परदीवाला ने कहा कि यह मामला बेहद चौंकाने वाला है, सदमा देने वाला है। मैंने अपने 30 साल के करियर में ऐसा मामला नहीं देखा है। इस मामले में कोलकाता पुलिस का व्यवहार शर्मनाक है। पीठ ने कहा कि घटनास्थल पर कई महत्वपूर्ण सबूत थे, लेकिन उन्हें संरक्षित करने में देर की गई। इस कारण प्रमाणों के मिट जाने की आशंका है।

सुनवाई के दौरान न्यायालय में कपिल सिब्बल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बीच झड़प भी हुई। तुषार मेहता ने कहा कि घटना की सूचना 10.10 बजे ही मिली, जबकि अप्राकृतिक मृत्यु का मामला रात 11.45 बजे दर्ज हुआ। इतनी देरी गलत ही नहीं, बल्कि अमानवीय है।

वहीं सीबीआई ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि राज्य पुलिस ने पीड़िता के माता-पिता से पहले कहा कि यह आत्महत्या का मामला है, फिर उसने कहा कि यह हत्या है। सीबीआई ने यह भी बताया कि पीड़िता के दोस्त ने मामले में तथ्य छुपाए जाने का संदेह व्यक्त किया और वीडियोग्राफी पर जोर दिया।

इस पर न्यायालय ने दुष्कर्म-हत्या की घटना के बारे में पहली प्रविष्टि दर्ज करने वाले कोलकाता पुलिस के अधिकारी को अगली सुनवाई पर हाजिर होकर यह बताने का निर्देश दिया कि प्रविष्टि किस समय दर्ज की गई। न्यायालय ने यह भी कहा कि यह बहुत आश्चर्यजनक बात है कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज होने से पहले मृतक का पोस्टमार्टम कर दिया गया। सर्वोच्च न्यायालय की इन टिप्पणियों से आंदोलनकारी बेहद खुश हैं। कोलकाता में आंदोलन करने वाले कह रहे हैं कि पुलिस को जो करना चाहिए था, वह नहीं किया और जो नहीं करना था, वह किया। इसलिए लोग गुस्से में हैं।’’

सरकार विरोधी रैलियों और सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों को देखते हुए लोगों का कहना है कि अपने 13 वर्ष के कार्यकाल में ममता बनर्जी पहली बार दबाव महसूस कर रही हैं। कोलकाता की मनीषा कुमारी का मानना है कि ममता की उलटी गिनती शुरू हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘रोजाना हजारों महिलाएं पश्चिम बंगाल सरकार और कोलकाता पुलिस के विरोध में आवाज बुलंद कर रही हैं। यह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए खतरे की घंटी है, क्योंकि महिलाओं का एक बड़ा वर्ग उनके पक्ष में रहता आया है। अब वह वर्ग ममता से नाराज है।’’

गृहिणी आनंदी घोष तो मनीषा से एक कदम आगे की बात कह रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल की महिलाओं ने ममता बनर्जी की सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प ले लिया है। एक महिला मुख्यमंत्री के राज में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। चाहे संदेशखाली हो या फिर कोलकाता, हर जगह महिलाओं को मारा जा रहा है, उनके साथ वह सब किया जा रहा है, जिनके बारे में लिखा भी नहीं जा सकता।’’

शायद महिलाओं के इस रुख को देखते हुए ही ममता बनर्जी की पार्टी के नेता भी कोलकाता कांड पर सरकार को घेर रहे हैं। अन्य नेताओं की बात तो छोड़िए, ममता के भतीजे और उनके उत्तराधिकारी माने जा रहे सांसद अभिषेक बनर्जी ने 14 अगस्त की रात को आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज पर हुए हमले की निंदा करते हुए कोलकाता के पुलिस आयुक्त को 24 घंटे के अंदर सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने को कहा था। उनकी इस बात पर कई नेता दंग रह गए थे। इसके बाद से अभिषेक बनर्जी इस मामले पर पूरी तरह चुप हैं।

अभिषेक की तरह टीएमसी के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर राय और पूर्व सांसद शांतनु सेन ने भी अपनी ही सरकार को घेरा है। सुखेंदु शेखर राय ने कोलकाता पुलिस और आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के कार्यों पर सवाल उठाया है। यही नहीं, उन्होंने अमित शाह को एक पत्र भी भेजा है। इसमें उन्होंने मांग की है कि पीड़िता के परिजन को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए।

पूर्व सांसद शांतनु सेन भी ममता बनर्जी को मुश्किल में डाल रहे हैं। सेन ने बहुत ही बेबाकी से कहा कि गत तीन वर्ष से आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग स्वास्थ्य विभाग में होने वाली गड़बड़ियों की जानकारी ममता बनर्जी तक नहीं पहुंचने दे रहे हैं। पार्टी को उनका यह बयान पसंद नहीं आया। यही कारण है कि पार्टी ने उन्हें प्रवक्ता पद से हटा दिया है। इस पर शांतनु ने कहा कि मैंने पार्टी या किसी नेता के विरुद्ध कोई टिप्पणी नहीं की थी। इसलिए मैं अपने बयान पर अब भी अडिग हूं। शांतनु सेन के साथ उनकी पत्नी काकोली सेन ने भी कोलकाता बलात्कार कांड की निंदा की है।

इन नेताओं के बयानों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। ये सभी ममता के खासमखास हैं। इसके बाद भी ये लोग विपक्षी नेता की तरह बात कर रहे हैं। यह ममता बनर्जी के लिए ठीक नहीं है। कहीं कोलकाता बलात्कार कांड ममता पर भारी न पड़ जाए।

Topics: पाञ्चजन्य विशेषKolkata rape caseअप्राकृतिक मौतसर्वोच्च न्यायालयडॉक्टर बिटियाSupreme Courtबर्बरता से हत्यापश्चिम बंगाल सरकारकोलकाता बलात्कार कांडकपिल सिब्बलDoctor's daughterKapil SibalUnnatural deathbrutal murderwest bengal government
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

वैष्णो देवी यात्रा की सुरक्षा में सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies