नई दिल्ली । असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठ पर एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि हाल ही में राज्य में प्रवेश करने वाले अवैध घुसपैठियों का विश्लेषण किया गया है और पाया गया है कि उनमें से एक भी हिंदू नहीं था। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इन घुसपैठियों का उद्देश्य रोजगार की तलाश में भारत में आना है, क्योंकि उनके देश में कपड़ा कारखानों के बंद होने के कारण उन्हें नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है।
कुछ दिनों से बांग्लादेश से जो अवैध घुसपैठी आ रहे हैं, उनका विश्लेषण किया गया है। उनमें से एक भी हिंदू नहीं था। हिंदू वहां रहकर सिस्टम के खिलाफ लड़ रहे हैं। भारत आ रहे वे घुसपैठी मुसलमान हैं जिनकी नौकरियां बांग्लादेश में कपड़े के कारखाने बंद होने के कारण चली गईं और जो नौकरी के लिए… pic.twitter.com/DWQ2D1FuGq
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 24, 2024
मुख्यमंत्री सरमा ने अपने बयान में कहा, “हमने हाल ही में बांग्लादेश से अवैध रूप से आ रहे लोगों का गहन विश्लेषण किया है। इनमें से एक भी व्यक्ति हिंदू नहीं है। वहां के हिंदू समुदाय के लोग अब भी बांग्लादेश में रहकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि घुसपैठ करने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग हैं, जिनकी नौकरियां बांग्लादेश में कपड़ा कारखानों के बंद होने के कारण चली गई हैं। अब वे रोजगार के लिए तमिलनाडु जा रहे हैं।”
मुख्यमंत्री के इस दावे से राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे सरमा की राजनीति का हिस्सा बताया है, जबकि सरकार समर्थक इसे एक गंभीर मुद्दा मानते हैं जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
बता दें कि मुख्यमंत्री सरमा की सरकार ने अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को अपडेट करने की प्रक्रिया और डिटेंशन सेंटर बनाने की पहल सरकार की इन्हीं कोशिशों का हिस्सा है।
टिप्पणियाँ