देहरादून: बांग्लादेश में हिंदू नरसंहार के विरोध में हिंदू संगठनों द्वारा बीती 21 अगस्त को निकाली गई आक्रोश रैली से प्रतिस्पर्धा करते हुए मुस्लिम सेवा संगठन, जमीयत उलेमा ए हिंद और अन्य संगठनों द्वारा 25 अगस्त को निकाले जाने वाली शान ए रिसालत रैली को देहरादून प्रशासन ने अनुमति नहीं दी।
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देहरादून एसएसपी अजेय सिंह द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इस रैली को लेकर कई हिंदू और सामाजिक संगठनों ने एतराज जताया था। इस बारे में मुस्लिम संगठनों से बातचीत कर रैली को निरस्त कर दिया गया है। एसएसपी सिंह के अनुसार हमने इस रैली को अनुमति नहीं दी और आयोजकों से कहा कि इससे शहर का माहौल बिगड़ेगा और महाराष्ट्र की घटना का उत्तराखंड से कोई संबंध नहीं है। जिसके बाद रैली को निरस्त कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि देहरादून के करीब तीन सौ संगठनों ने बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओ के दमन के विरोध में आक्रोश रैली निकाली थी। इस रैली ने हिंदू एकता का परिचय दिया और हजारों लोगो ने इसमें स्वेच्छा से हिस्सा लिया। हिंदुओं की विशाल रैली देख देहरादून के जमीयत उलेमा ए हिंद और मुस्लिम सेवा संगठन ने भी रैली करने का ऐलान कर दिया और बहाना महाराष्ट्र का दिया।
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हिंदू संगठनों का मानना था कि मुस्लिम संगठन शहर की फिजा खराब करने में लगे हुए हैं, ये लोग बांग्लादेश में हुए हिंदू अत्याचार पर मौन साध लेते हैं और बाहर के देशों पर जुलूस निकालते हैं। उधर सूत्रों के मुताबिक, पुलिस प्रशासन ने आने वाले हिंदू त्योहारों को देखते हुए ये अनुमति नहीं दी। हिंदूवादी संगठन के स्वामी दर्शन भारती ने प्रशासन द्वारा मुस्लिम रैली की अनुमति निरस्त करने के निर्णय का स्वागत किया है और कहा है कि माहौल खराब होने से बच गया ।
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