भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में पाञ्चजन्य द्वारा आयोजित “सुशासन संवाद” में मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर उन्होंने पाञ्चजन्य के प्रबंधन का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने इस महत्वपूर्ण समय में ऐसे ज्वलंत विषय पर चर्चा की शुरुआत की।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर उनके सुशासन और शासन पद्धति पर चर्चा अत्यंत प्रासंगिक है। देवी अहिल्याबाई ने अपने शासन काल में जो कार्य किए और जो पद्धति विकसित की, वह आज के राजनीतिक और प्रशासनिक कार्यों के लिए प्रेरणास्रोत है। हम आज के गुड गवर्नेंस को उस दिशा में आगे ले जाने में सफल हो सकते हैं, जो दिशा देवी अहिल्याबाई होल्कर ने अपने शासन में अपनाई थी। अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी जैसे श्रेष्ठ राजनेताओं ने देश में सुशासन की परंपरा को मजबूती से आगे बढ़ाया है। बीजेपी हमेशा से इस विचारधारा पर काम करती रही है कि कैसे समाज को बेहतर प्रशासन व्यवस्था दी जा सकती है। अटल जी के शासनकाल में सुशासन को लेकर किए गए कार्यों को आज भी प्रेरणा के रूप में लिया जा रहा है, और बीजेपी लगातार इन विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास कर रही है।
आदर्श है देवी अहिल्याबाई होल्कर की शासन व्यवस्था
उन्होंने कहा- देवी अहिल्याबाई होल्कर के शासनकाल से आज की सरकारों और नेताओं को सीख लेनी चाहिए। देवी अहिल्याबाई ने अपने राज्य शासन की व्यवस्था में उत्कृष्टता स्थापित की थी, जिसे आज भी कई लोग अनुकरणीय मानते हैं। अंग्रेजी शासन के दौरान भी देवी अहिल्याबाई को सम्मानित किया गया था, और उनकी शासन व्यवस्था को आदर्श माना जाता था। लोकमाता अहिल्याबाई ने गरीब, दलित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों के कल्याण के लिए जो नीतियां बनाईं, वे आज की गुड गवर्नेंस की अवधारणा से मेल खाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ‘सबका विकास, सबका विश्वास’ के सिद्धांत पर जोर देते हैं, जो अहिल्याबाई की शासन नीति का ही विस्तार है।अहिल्याबाई होल्कर ने भारत में धर्म और संस्कृति की पुनर्स्थापना के लिए भी अभूतपूर्व काम किया। उन्होंने 12 ज्योतिर्लिंग और अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार के लिए कार्य किया। उनके शासन में धर्म और संस्कृति की स्थापना को प्राथमिकता दी गई थी, जिससे आज भी भारतीय समाज प्रेरणा लेता है। एक नेता की सफलता उसकी शासन व्यवस्था और संस्कृति को स्थापित करने की क्षमता में निहित होती है। अहिल्याबाई होल्कर ने न केवल मध्य प्रदेश बल्कि संपूर्ण भारत में अपने कार्यों के माध्यम से एक आदर्श शासन व्यवस्था का निर्माण किया। उनके कार्य आज भी अनुकरणीय हैं, और उनकी नीतियों पर चलकर हम समाज के हर वर्ग के विकास के लिए काम कर सकते हैं। वर्तमान समय में भी, चाहे राज्य में हो या पूरे देश में, हमें अहिल्याबाई होल्कर के कार्यों से प्रेरणा लेकर शासन की व्यवस्था को और बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए।
राम मंदिर और संस्कृति के पुनरुद्धार में योगदान महत्वपूर्ण
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि राम मंदिर के लिए लाखों लोगों ने संघर्ष किया और इतने सालों के इंतजार के बाद आज हमारी पीढ़ी इस ऐतिहासिक दिन को देखने में सफल हुई है। लेकिन यह संघर्ष केवल राम मंदिर तक सीमित नहीं है। 1700वीं शताब्दी के दौरान देवी अहिल्याबाई होल्कर ने अयोध्या, काशी विश्वनाथ और सोमनाथ जैसे ऐतिहासिक मंदिरों के पुनरुद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मुगलों द्वारा आक्रमण किए गए धार्मिक स्थलों को पुनर्स्थापित कर भारतीय संस्कृति को संरक्षित किया। मध्य प्रदेश के प्रत्येक कोने में, चाहे वह आलमपुर हो या ओरछा, देवी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर निर्माण के माध्यम से धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण किया। उन्होंने जनता से पैसा लेकर नहीं, बल्कि अपने कोष से इन कार्यों को अंजाम दिया। आज हम जो सुशासन देख रहे हैं, वह उनके द्वारा स्थापित सुशासन की ही एक कड़ी है।
शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा, “आज हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में काशी विश्वनाथ और सोमनाथ जैसे मंदिरों का पुनरुद्धार हुआ है। मध्य प्रदेश में महाकाल लोक और ओरछा में राम राजा लोक जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है। यह हमारे इतिहास और संस्कृति को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
उन्होंने योग के महत्व पर भी जोर दिया और कहा, “योग भारत की संस्कृति का सबसे बड़ा आधार है और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाना हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का एक अद्वितीय अवसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में योग ने दुनिया भर में हमारी संस्कृति को मान्यता दिलाई है।”
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि इतिहास को दोहराना महत्वपूर्ण है क्योंकि जो इतिहास को भूल जाते हैं, वे अपनी संस्कृति और अस्तित्व को खो देते हैं। आज हमें गर्व है कि देवी अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को हम सम्मानपूर्वक याद कर रहे हैं और उनकी धरोहर को आगे बढ़ा रहे हैं।
अहिल्याबाई होल्कर से प्रभावित है पीएम मोदी की नीतियां
वीडी शर्मा ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त के भाषण में महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों पर फोकस की बात की। यह फोकस भारत की सामाजिक और शासन व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव की ओर इशारा करता है। शर्मा ने अहिल्याबाई होलकर का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे उन्होंने गरीबों के जीवन में सुधार के लिए प्रयास किए। अहिल्याबाई होलकर के शासनकाल में, उन्होंने गरीबों की चिंता की और उनकी खुशहाली के लिए ठोस कदम उठाए। शर्मा ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय की अवधारणा का भी उल्लेख किया, जिसमें समाज के अंतिम व्यक्ति के जीवन में सुधार लाने का प्रयास किया गया। मोदी सरकार ने इस विचारधारा को आगे बढ़ाया और गरीबों के जीवन में बदलाव के लिए योजनाएं बनाई। अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने गरीबों के जीवन में सुधार लाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। वर्ष 2014 के बाद से देश में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ गए हैं, जो कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
अहिल्याबाई होल्कर ने विधवाओं के पुनर्विवाह की व्यवस्था की और उनकी संपत्ति को उनके नाम पर रखने की नीति अपनाई। इसी तरह, आज की सरकार ने भी महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और मध्य प्रदेश में ‘लाडली लक्ष्मी योजना’, जो बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा को प्रोत्साहित करती है।
सामाजिक परिवर्तन तब होता है जब सरकार की नीतियों और योजनाओं को सही तरीके से लागू किया जाता है। उन्होंने मध्य प्रदेश में महिला-पुरुष अनुपात में सुधार का उदाहरण देते हुए बताया कि पहले 1000 बेटों पर 912 बेटियां पैदा होती थीं, जबकि अब यह अनुपात बढ़कर 956 बेटियों का हो गया है। यह बदलाव एक ठोस विचार और सरकार की नीतियों के परिणामस्वरूप संभव हुआ है। भाजपा सरकार महिलाओं, युवाओं, और अन्य सामाजिक वर्गों के लिए लगातार काम कर रही है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर रही है। भाजपा की सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं का नेतृत्व बढ़ाया है और सामाजिक बदलाव के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
देवी अहिल्याबाई होल्कर का प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति प्रेम
प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने देवी अहिल्याबाई होल्कर के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उनका जीवन एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे एक शासक ने प्रकृति और जीव-जंतुओं के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए। देवी अहिल्याबाई होल्कर ने न केवल गायों के संरक्षण के लिए काम किया, बल्कि जीव-जंतुओं की भलाई के लिए भी कई प्रयास किए। एक उदाहरण के रूप में, उन्होंने पक्षियों के लिए खड़ी फसलों को उनकी कीमत पर खरीद कर किसान को पैसे दिए और खेतों को ऐसे ही छोड़ दिया, ताकि पक्षियों को भोजन मिल सके। यह उनके प्रकृति प्रेम और संवेदनशीलता का स्पष्ट प्रमाण है। देवी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा प्रस्तुत किए गए आदर्श सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सरकार भी इसी दिशा में काम करने का प्रयास करेगी, ताकि समाज और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाया जा सके।
देवी अहिल्याबाई से प्रेरित है वोकल फॉर लोकल के कॉन्सेप्ट
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- इन्वेस्टर समिट हो रहा है इन्वेस्टर समिट बड़े-बड़े स्थान पर मुंबई के अंदर होगा या मध्य प्रदेश के अंदर एक स्थान पर होगा लेकिन सरकारों ने नीति को बदलते हुए प्रयास किया कि रीजनल इन्वेस्टर समिट इसलिए करेंगे क्योंकि वहां के क्षेत्र के औद्योगिक विकास की संभावना क्या है.? प्रधानमंत्री कहते हैं वोकल फॉर लोकल के कॉन्सेप्ट पर जाकर के हम काम करना चाहते हैं तो इस दिशा में काम मध्य प्रदेश की सरकार भी करती है और लगातार इस दिशा में उसे पॉलिसी मेकिंग का काम कर रही है। आज भी हम महेश्वर में जाते हैं तो महेश्वर के अंदर उसे उद्योग को स्थापित करने का काम कितने वर्ष पूर्व देवी अहिल्याबाई होलकर के शासन की व्यवस्था में लोकल आर्टिजन को काम मिले महिलाओं को नौजवानों को काम मिले। इसलिए उस समय से महेश्वर की साड़ी आज भी जो फेमस है वह कब स्थापित हुई। यह भी अहिल्याबाई ने उस समय इस प्रकार का उद्योग वहां स्थापित किया था। इसी कॉन्सेप्ट पर आज हमारी सरकारें काम करने का प्रयास कर रही हैं। चंदेरी की साड़ी अलग-अलग प्रकार के जो लोकल आर्टिजन झाबुआ केंद्र काम करते हैं। उनके बारे में किस प्रकार से हम इस नीति में लाकर के उन्हें अवसर देने का काम कर सकते हैं।
एक आदर्श उदाहरण जो देवी अहिल्याबाई होलकर के समय प्रस्तुत हुए आज उन उदाहरणों पर गुड गवर्नेंस एक सुशासन देने का प्रयास किस प्रकार से किया जा सकता है, यह माननीय मुख्यमंत्री जी ने भी कहा हमारे प्रधानमंत्री ने कहा कि सबका साथ सबका विकास सबके विश्वास के मंत्र पर काम करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के अंदर में बड़े गर्व के साथ कह सकता हूं कभी उन्होंने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया मेरी नीतियां मेरी गरीब कल्याण की योजनाएं संपूर्ण भारत के हर गरीब को एक समान रूप में देखकर के सब एक समान कैसे बन सकते हैं उनका जीवन कैसे अच्छा बन सकता है यह हमें प्रयास किया
तुष्टिकरण की राजनीति है समस्या, देवी अहिल्याबाई होल्कर से लेनी चाहिए प्रेरणा
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शासन व्यवस्था में कानून का पालन सभी के लिए समान होना चाहिए, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कुछ वर्गों को वोट बैंक मानकर कानून की अनदेखी की गई है। देवी अहिल्याबाई होल्कर की सख्त प्रशासकीय शैली और कानून के प्रति निष्ठा एक बड़ा उदाहरण है। देवी अहिल्याबाई होल्कर ने अपने बेटे के अपराध के बावजूद उसे कानून के अनुसार दंडित करने के लिए कदम उठाया। आज भी हमें देवी अहिल्याबाई होल्कर जैसे आदर्शों से प्रेरणा लेकर शासन व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में हम और हमारे अन्य राजनीतिक नेता इस दिशा में प्रयासरत हैं। समाज के जीवन में ऐसी मूल्य आधारित आदर्शों को प्रस्तुत करने की आवश्यकता है ताकि शासन व्यवस्था में समानता और न्याय सुनिश्चित किया जा सके। यह वर्ष देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म शताब्दी का वर्ष है। इस मंच से हम उनके जन्म जयंती को मना रहे हैं। आज आपने जिन लोगों को सुना और जो चर्चा हुई, उसमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार किए गए हैं। मैं इतिहास का विद्यार्थी नहीं हूं, लेकिन पाञ्चजन्य ने इस पर जो पहल की है, वह सराहनीय है। यदि हम इस दिशा में मध्य प्रदेश में काम करें और देवी अहिल्याबाई होलकर के विचारों को अपने सुशासन प्रयासों में शामिल करें, तो हम आदर्श शासन व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में एक कदम और बढ़ सकते हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश के गुड गवर्नेंस की दिशा में काम करने की अपील की और विश्वास जताया कि इससे राज्य में बेहतर राज व्यवस्था और प्रशासन की संभावना बढ़ेगी। इस संवाद के माध्यम से मध्य प्रदेश में सुशासन की दिशा में नई पहल की उम्मीद की जा रही है, जिसमें लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया गया। पाञ्चजन्य द्वारा शुरू की गई यह पहल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
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