गैरसैंण: उत्तराखंड विधान सभा के मानसून सत्र में रुद्रपुर के एक मदरसे के मौलवी की करतूतों का मामला गूंजा, जिस पर शोर शराबा हुआ। उल्लेखनीय है कि विधानसभा में राज्य की कानून व्यवस्था में महिला अपराधों पर बहस हो रही थी। विपक्ष के विधायकों ने चर्चा के दौरान कुछ ऐसा कहा कि “सेलेक्टिव” लोगों के साथ ही अपराध हो रहे हैं।
विपक्ष का इशारा मुस्लिम युवतियों की ओर था। जिस पर सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रेम अग्रवाल ने कहा कि अपराध किसी के साथ भी हुआ हो उसकी हम निंदा करते हैं और पुलिस ने जो भी कारवाई की है वो त्वरित की है और अभियुक्त जेल में है। इसी बीच रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा ने इस मुद्दे पर कहा कि विपक्ष के विधायकों में रुद्रपुर की घटना में पीड़िता का नाम लिया, जिस पर उन्हें आपत्ति है, सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार, पीड़िता का नाम नहीं लिया जाना चाहिए।
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विधायक श्री अरोरा ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए जब ये कहा कि रुद्रपुर में एक मदरसे के मौलवी को चार लड़कियों के साथ दुराचार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया उसका जिक्र विपक्ष क्यों नही कर रहा है, इस पर सदन में शोर मच गया,सत्ता और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप के बीच विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने बीच-बचाव किया और फिर संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने अपनी बात जारी रखी, श्री अग्रवाल ने भी, महिलाओं युवतियों के साथ हुई घटनाओं में एक बार फिर मौलवी द्वारा किए गए कृत्यों का उल्लेख करते हुए अपनी बात समाप्त की।
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सदन से बाहर आकर विधायक शिव अरोरा ने कहा कि उत्तराखंड में गैर कानूनी रूप से चल रहे मदरसों की जांच होनी चाहिए, रुद्रपुर मदरसे की घटना में अभी चार बच्चियों के द्वारा हिम्मत दिखाई गई है, मौलवी द्वारा इन बच्चियों को जान से मारने की भी धमकी दी जाती रही है, उन्होंने कहा इस मामले की इसकी गहनता से जांच की जाए तो और भी बच्चियों के मामले सामने आयेंगे। श्री अरोरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि ये गैर पंजीकृत मदरसे, बच्चे-बच्चियों का शारीरिक शोषण कर रहे है।
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