मध्य प्रदेश के छतरपुर शहर में भारत बंद के दौरान सिटी कोतवाली पर पथराव करने के मामले में पुलिस ने कड़ा एक्शन लेते हुए गुरुवार को करीब 200 लोगों पर एफआईआर दर्ज की। इनमें 46 नामजद और 150 अज्ञात हैं। दस लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस घटना से कई बड़े सवाल उठे हैं। कट्टरपंथियों की भीड़ ने मासूम बच्चों के हाथों में चाकू तक थमा दिया था।
जिला प्रशासन ने पथराव करने के आरोपित पूर्व कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष हाजी शहजाद अली के आलीशान बंगले पर बुलडोजर चलवा दिया, जिसमें देखते ही देखते कुछ ही वक्त में इस महलनुमा मकान का एक बहुत बड़ा भाग जमींदोज हो गया। फिलहाल कार्रवाई जारी है। शासन की ओर से कहा जा रहा है कि पूरा मकान जमींदोज करने में दो दिन का समय लग सकता है। पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है।
भीड़ के पास थी तलवार
पुलिस ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज की है। उसके मुताबिक बुधवार को दोपहर करीब 2.45 बजे शहर सदर जावेद अली के साथ एवं पूर्व सदर शहजाद हाजी, अनजान उर्फ अंजार राईन, यूसुफ, अरमान, जुगनू बान उर्फ गुलाम, सोनू खान तथा अन्य 100-150 से अधिक लोग थाना परिसर में आए। उनके साथ नाबालिग बच्चे भी थे। भीड़ पूर्व योजना के अनुसार डंडा, पत्थर, लोहे की राड, तलवार छिपाकर रखे हुए थी। ज्ञापन देने के नाम से आई भीड़ ने नारेबाजी की। भीड़ अधिक आक्रोशित होकर थाने के अंदर बरामदे में आ गई तो पुलिस ने रोकने के संपूर्ण वैधानिक प्रयास किये लेकिन भीड़ उन्मादी होकर पुलिस स्टाफ से हथियार व हेल्मेट, डंडा, बाडीगार्ड, आंसू गैस छीनने का प्रयास करने लगी। गाड़ियों में तोड़फोड़ की। थाना परिसर में रखी अधिग्रहित गाड़ी बोलेरो के कांच टूट गये एवं अन्य उपस्थित पत्रकार की स्कूटी एवं थाना परिसर में पूर्व से रखे वाहन और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। अत्यधिक पुलिस बल आता देख सभी लोग थाना परिसर से पत्थरबाजी करते हुये भागने लगे।
इस संबंध में पूरा मामला कुछ यूं सामने आया है कि छतरपुर की अंजुमन इस्लामिया कमेटी के सदर के नेतृत्व में भीड़ कोतवाली थाना पहुंची और आवेदन देते हुए अहमदनगर में 15 अगस्त को एक संत के द्वारा उनके प्रवचनों में बोले गए शब्दों से मजहबी भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया। आवेदन में मांग की गई कि इन संत महाराज के विरुद्ध बीएनएस की धारा 196 197(1 ) 299 ,353 (2) एवं 152 के तहत मामला दर्ज किया जाए। तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार करने की मांग हुई । चेतावनी दी कि यदि महाराज को नहीं पकड़ा गया तो महाराष्ट्र सहित मध्य प्रदेश में भी शांति भंग हो सकती है।
जब अंजुमन इस्लामिया कमेटी की पुलिस के साथ बातचीत चल रही थी, तभी भीड़ ने कोतवाली थाने का घेराव करना शुरू कर दिया और बिना किसी कारण एवं बात के ये भीड़ अचानक से हिंसक हो उठी। कोतवाली थाने-पुलिसकर्मियों के ऊपर चारों ओर से पथराव शुरू हो गया, जिसमें कि कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद कुजूर सहित तीन पुलिसकर्मी बुरी तरह से घायल हो गए। थाने पर खड़ी पुलिस की सभी गाड़ियों को योजना से निशाना बनाया गया और उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया गया। थाना प्रभारी को गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती किया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। घटना की जानकारी जैसे ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव को हुई, उन्होंने इसकी कड़ी आलोचना की और कहा कि उपद्रवियों पर कार्रवाई की जाए, उनकी पहचान की जाए। इसके बाद छतरपुर पुलिस प्रशासन उपद्रवियों को चिन्हांकित करने में जुट गया है और मकान तोड़े जाने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है। फिलहाल छतरपुर में पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात है।
सीमा से लगे जिलों से अतिरिक्त फोर्स पहुंची छतरपुर
छतरपुर डीआईजी ललित शाक्यवार ने बताया कि पुलिस-प्रशासन इस वक्त पथराव और उपद्रव करने वालों को चिन्हित करने में लगी है। जिन्हें चिन्हित कर लिया गया है, उन पर कार्रवाई शुरू हो गई है। आगे भी जैसे-जैसे अन्य उपद्रवी चिन्हित होंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार सुबह टीकमगढ़, पन्ना समेत सीमा से लगे जिलों से भी अतिरिक्त फोर्स को बुला लिया गया है। पुलिस अधीक्षक अगम जैन का कहना है कि कोई पत्थर या किसी दूसरी चीज से हमला करने का प्रयास करता है, तो चोट हमें नहीं आनी चाहिए। उपद्रव व पुलिस पर हमला करने वालों की पहचान का काम चल रहा है। एक बार आरोपित चिहि्नत होने के बाद इनके घर पर भी बुलडोजलर चलाने की कार्रवाई हो सकती है।
उपद्रवियों के मकान पर चलेगा बुलडोजर
राजस्व अधिकारियों का कहना है कि बलबा करने वाले असामाजिक तत्वों के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। राजस्व और नगर पालिका छतरपुर ऐसे अन्य अतिक्रमणकारियों को चिन्हित करेंगे, जिनके मकान अवैध तरीके से नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए हैं। उपद्रव करने वालों के मकान जमींदोज करने की कार्यवाही हो सकती है। पुलिस ने छतरपुर शहर को छावनी की तरह तब्दील कर रखा है। हर गली बाजार में पुलिस टीम अलर्ट है।
ये हैं बड़े सवाल ?
छतरपुर नगर की फिजा में जहर घोलने की साज़िश क्या सोच समझकर रची गई थी ?
बीच सड़क पर इतनी अधिक मात्रा में पत्थर कहां से आए?
बच्चों को जुलूस में सबसे आगे क्यों किया गया ?
उनके हाथ में चाकू कहां से आए?
मुस्लिम समाज ने सिटी कोतवाली के घेराव का वही समय क्यों तय किया जब दलित संगठनों द्वारा पूर्व घोषित आंदोलन किया जा रहा था?
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