समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं का स्याह चेहरा फिर सबके सामने है। ये जब सरकार में होते थे, तो राज्य में राज नहीं जंगलराज चलाते थे। अब सरकार में नही हैं, तो भी गुंडे-बलात्कारियों की पैरोकारी का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रहे। कभी इनकी कारगुजारियां अयोध्या बलात्कार कांड के रूप में उजागर हो रही हैं, तो कभी कन्नौज की राक्षसी हकीकत के रूप में समाज को शर्मसार कर रही हैं। सपा नेता अपने ‘पितृपुरुष’ मुलायम सिंह यादव के उस बयान पर अमल कर रहे हैं, जिसमें वे ऐसे ‘महापाप’ को ‘लड़कों की मामूली गलती’ बताने तक में संकोच नहीं करते थे।
कौन नहीं जानता कि कन्नौज में नाबालिग से दरिंदगी के मामले में सलाखों के पीछे पहुंचे सपा नेता नवाब सिंह यादव की हनक समाजवादी सरकार में ‘छोटे मुख्यमंत्री’ जैसी रही है। वह अखिलेश और डिंपल का करीबी रहा है। साधारण परिवार में जन्मा यह शख्स सत्ता संरक्षण मिलते ही कुछ ही साल में सैकड़ों करोड़ का आदमी बन बैठा है। अयोध्या में एक नाबलिग हिंदू लड़की से बलात्कार के मामले में जेल जा चुके मोईद खान की असलियत भी नवाब सिंह यादव की तरह ही है। मोईद सपा सांसद अवधेश प्रसाद का खासमखास रहा है। सपा सरकार में अयोध्या का प्रशासन मोईद पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं कर पाता था।
अयोध्या कोतवाली में जिस भदरसा नगर पंचायत चेयरमैन मोहम्मद राशिद पर पीड़ित परिवार को धमकाने की रिपोर्ट दर्ज हुई है, उसका मोईद खान से करीबी पारिवारिक रिश्ता है। 24 अक्तूबर, 2012 को दुर्गा प्रतिमा निकाले जाने के दौरान भदरसा में हिंदुओं पर मुसलमानों की हिंसक भीड़ ने हमला किया था। हमले में भोला गुप्ता की जान चली गई थी। तत्कालीन पंचायत चेयरमैन मोहम्मद अहमद के साथ-साथ मोईद खान पर भी दंगा भड़काने और हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। मोईद उस समय जेल भी गया था। हिंदू विरोधी हिंसा का सूत्रधार होने के बाद भी मुलायम-अखिलेश ने उसे सपा का नगर अध्यक्ष बनाया था।
2012 में अखिलेश यादव की सरकार बनने के बाद मोईद ने सरकारी और गरीबों की जमीन पर कब्जा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। मदरसे में पढ़ा मोईद खान 6 बच्चों का पिता है। अपने घर में दो बेटियां होने के बाद भी उसने जिस तरह हिंदू परिवार की लड़की को हैवानियत का शिकार बनाया, उसे लेकर उत्तर प्रदेश में हर कोई उसे लानतें भेज रहा है। ऐसे घिनौने आदमी की पैरोकारी कर रहे सपा के बड़े नेताओं को भी समाज खूब खरी-खोटी सुना रहा है।
लोकसभा चुनाव में थोड़ी ज्यादा सीटें मिलते ही फिर से गुंडई और अराजकता की पुरानी लीक पर लौटते दिख रहे सपा नेता शायद भूल गए हैं कि जनता को सुशासन एवं सुरक्षा देने में लगी योगी सरकार में गुनाहों की सजा सिर्फ और सिर्फ कड़ी सजा ही है।
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