कोलकाता। बुधवार रात को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुए हमले की घटना पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बहुत ही विवादित बयान आया है। हमले को लेकर अजीबो-गरीब दावा करते हुए उन्होंने कहा कि जिनके हाथ में तिरंगा है वे राम हैं और बाकियों के हाथ में डीवाईएफआई का झंडा देखा जा सकता है वे वाम है। इन्होंने ही हमला किया है। राम और वाम ने एकत्रिक होकर यह किया है। ममता ने कहा कि मैंने वीडियो देखा है। आपने नहीं देखा क्या?
एक मुख्यमंत्री के तौर पर उनके इस बयान को लेकर चौतरफा आलोचना हो रही है। जांच अभी शुरू हुई है। किन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वे कौन हैं, किससे जुड़े हैं, इस बारे में पुलिस ने फिलहाल कुछ भी नहीं कहा है। लेकिन ममता ने उनको पहले ही दो राजनीतिक दलों से उनको जोड़कर एक तरह से पुलिस पर दबाव बना दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में उचित कार्रवाई करेगी।
ममता बनर्जी ने कहा कि आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की छात्रा की हत्या के मामले में दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हुए हमले पर भी नाराजगी जताई। ममता बनर्जी ने कहा कि पुलिस की वर्दी जला दी गई, उन पर जघन्य तरीके से हमला किया गया, उनके सिर फोड़ दिए गए।
महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के बारे में एक बार फिर पुलिस का बचाव करते हुए ममता ने कहा कि उन्हें मारने का कारण क्या था? पूरी रिपोर्ट, वीडियो, पोस्टमार्टम की जानकारी मां-बाप को दे दी गई है।
ममता बनर्जी ने इस घटना पर बात करते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं से हमें कोई नाराजगी नहीं है। उन्होंने ऐसा नहीं किया। मैं उनका समर्थन करती हूं। लेकिन मुझे गुस्सा है कि कुछ राजनीतिक दल इस घटना में शामिल होकर अपने फायदे के लिए माहौल को बिगाड़ रहे हैं। अगर आप वास्तविक संवेदना व्यक्त करना चाहते हैं, आत्मा की शांति चाहते हैं, तो वीडियो देखिए। कई लोग एआई के जरिए सबके चेहरे का उपयोग कर कुछ भी कहवा रहे हैं, फर्जी वीडियो बनवा रहे हैं। क्या यह अपराध नहीं है? ये सब एक दिन पकड़ में आएगा। मैं लोगों से अनुरोध करती हूं कि ऐसी असत्य बातों पर विश्वास न करें। आज सोशल नेटवर्क पर अधिकतम फेक वीडियो चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि एक डीसी (डिप्टी कमिश्नर) को इतना मारा गया कि, वे बेहोश हो गए। “पूरे शरीर से खून बह रहा था उन पर अत्याचार के कारण।” उन्होंने कहा मैं सुबह चार बजे तक जागती रही। जब तक उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया और वे बेहोश थे, उनके सिर से बहुत खून निकल रहा था। हालांकि, मैं पुलिस की सराहना करूंगी, उन्होंने धैर्य नहीं खोया। शांति के लिए किसी पर हमला नहीं किया, यह अच्छी बात है। आंदोलनकारियों को आंदोलन की सीमा समझनी चाहिए। मैंने खुद आंदोलन किया है, लेकिन कभी अस्पताल जाकर हंगामा नहीं किया। बाबरी मस्जिद के समय राइटर्स बिल्डिंग से कोई बाहर नहीं निकल रहा था। मैंने खुद बुद्धदेव भट्टाचार्य से जाकर पूछा था कि क्या उन्हें मेरी मदद चाहिए। उस समय मैं अकेली सड़क पर थी। 4-5 दिन बाद मदर टेरेसा से मेरी मुलाकात एक स्कूल में हुई थी।
ममता बनर्जी ने कहा कि बुधवार को दो मंजिलें तोड़ दी गईं। दवाइयां चोरी हो गईं। सभी सेवाएं, इंजेक्शन, उपकरण पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए। मैंने सुना है कि बहुत सारे महंगे सामान बर्बाद किए गए। अब यह नहीं पता कि नई चीजें कब आएंगी, क्योंकि यहां बहुत सारे सलाइन, ऑक्सीजन, दवाइयां रखी जाती थीं। कुछ लोग कह रहे हैं कि वे मरीजों को घर ले जाएंगे, यह उनका अधिकार है। लेकिन हम कोशिश करेंगे कि अगर किसी को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करना है तो हम सहयोग करेंगे।
(इनपुट – हिंदुस्थान समाचार)
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