78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के ऐतिहासिक लालकिले पर तिरंगा फहराया। इस मौके पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद किया और कहा कि जब हम 40 करोड़ थे, तब हमने महासत्ता को हरा दिया था, लेकिन आज हम 140 करोड़ हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये देश स्वतंत्रता सेनानियों का ऋणी है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जरा आजादी से पहले के वो दिन याद करें। सैकड़ों साल की गुलामी और उसका हर कालखंड संघर्ष का रहा। युवा हो, किसान हो, महिला हो या वनवासी वो गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे। इतिहास गवाह है, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व भी हमारे देश के कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जा रही थी।
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इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक आपदाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इस साल और पिछले कई सालों से प्राकृतिक आपदाएं बढ़ी हैं, जिसने चिंताओं को बढ़ा दिया है। कई लोगों ने अपनी जिंदगियां और संपत्तियां खत्म हो गई हैं। प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक आपदाओं में अपनी जिंदगियां गंवाने वालों के परिवार के साथ संवेदना व्यक्त की।
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प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि अगर हम सभी संकल्प लेकर एक दिशा में एक साथ आगे बढ़ें तो हम रास्ते की सभी बाधाओं को पार करते 2047 तक विकसित भारत बना सकते हैं।
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