पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना ने हाल ही में सबका ध्यान खींचा है, जहां तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ सांसद सुखेंदु शेखर रे ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ एक साहसी कदम उठाते हुए डॉक्टर की रेप और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की घोषणा की है। यह कदम न केवल राजनीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उस सामाजिक चेतना को भी दर्शाता है जो महिला सुरक्षा के प्रति एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में होना चाहिए।
सुखेंदु शेखर रे, जो कि 2011 से TMC के राज्यसभा सांसद हैं और सदन में पार्टी के उपनेता भी हैं, ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से यह घोषणा की कि वे कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या के विरोध में आयोजित प्रदर्शन में भाग लेंगे। उन्होंने लिखा, “मैं प्रदर्शनकारियों में शामिल होने जा रहा हूं, खासकर इसलिए क्योंकि लाखों बंगाली परिवारों की तरह मेरी भी एक बेटी और एक छोटी पोती है। हमें इस अवसर पर उठ खड़ा होना होगा, महिलाओं के खिलाफ क्रूरता बहुत बढ़ चुकी है, आइए हम सब एकजुट होकर इसका विरोध करें, चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े।”
इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। एक यूजर ने टिप्पणी की कि अपनी ही सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के कारण सुखेंदु शेखर रे को पार्टी से निष्कासित किया जा सकता है। इस पर सांसद ने साहसिक जवाब देते हुए कहा, “मेरे भाग्य की चिंता मत करो, मेरी रगों में एक स्वतंत्रता सेनानी का खून है और मुझे इसकी चिंता नहीं है।”
डॉक्टर की निर्मम हत्या और समाज की प्रतिक्रिया
यह घटना कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की है, जहां एक डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या की गई। इस घटना ने न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। मेडिकल छात्र और डॉक्टर इस हत्याकांड के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे न्याय की मांग के रूप में देखा जा रहा है। इस प्रदर्शन को ‘स्वतंत्रता की मध्यरात्रि में महिला स्वतंत्रता मार्च’ के नाम से आयोजित किया गया है, जो आज रात लगभग 12 बजे विभिन्न स्थानों पर होगा। इस प्रदर्शन में फिल्म और कला जगत की कई हस्तियों सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है।
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