बरेली। कभी समाजवादी पार्टी तो कभी बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ने वाले बरेली के कट्टरपंथी मुस्लिम नेता सैयद आबिद अली से आतंकित हिन्दू परिवार ने पुलिस से कार्रवाई की गुहार लगाई है। आंवला के टाउन एरिया चेयरमैन आबिद अली ने वाल्मीकि परिवार को धमकाया है कि घर छोड़कर नहीं भागे तो हालात बांग्लादेश जैसे कर देंगे। इसे लेकर बरेली के हिन्दू संगठन गुस्से में हैं। एससी वर्ग के परिवार की शिकायत पर बरेली पुलिस कार्रवाई में जुट गई है।
बरेली के आंवला के रहने वाले मायाराम वाल्मीकि नगर पालिका में सफाई कर्मचारी हैं। परिवार कस्बे के बजरिया अड्डे के पास मोहल्ला किला में निवास करता है। कर्मचारी मायाराम की पत्नी ने सोनी पुलिस को बताया कि उनके घर के सामने मुस्लिम समुदाय के लोग फल का जबरन ठेला लगाकर रास्ता बंद कर देते हैं। परिवार ने ठेलेवालों से घर के गेट के सामने से हटने को कहा तो उन्होंने इसकी शिकायत पालिका चेयरमैन आबिद अली से कर दी।
पीड़िता सोनी के अनुसार, 12 अगस्त को चेयरमैन आबिद अली अपने साथ कई लोगों को लेकर उसके घर में घुस आए और जातिसूचक शब्द कहकर उनको अपमानित किया। आबिद अली ने कहा कि कुछ भी कर लो, घर के सामने से मुस्लिमों के ठेले नहीं हटवा पाओगे। विरोध करोगो तो घर नेस्तानबूत कर दिया जाएगा। मुसलमानों को तुम्हारे घर में घुसा देंगे और दंगा करा देंगे। 2012 की घटना भूल गए। चेयरमैन ने उसके पति को पालिका की नौकरी से निकालने की धमकी भी दी। सोनी ने मीडिया को बताया कि चेयरमैन ने ये कहकर भी उनको आतंकित किया कि जुबान बंद नहीं की तो यहां पर भी बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा कर देंगे। अगर उनको न्याय नहीं मिला तो वह कस्बे से पलायन को मजबूर होंगे।
चेयरमैन आबिद अली की धमकी से परेशान वाल्मीकि परिवार ने कार्रवाई के लिए थाना आंवला में शिकायत की है। पीड़िता सोनी की आपबीती का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हिन्दू संगठन भी चेयरमैन आबिद अली के खिलाफ कार्रवाई को मैदान में उतर आए हैं। युव हिन्दू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष हिमांशु पटेल ने पीड़िता सोनी का वीडियो x पर साझा कर पुलिस महानिदेशक यूपी से मामले पर तुरंत संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया है कि इंस्पेक्टर आंवला को प्रकरण में कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अभी चेयरमैन आबिद का कोई बयान सामने नहीं आया है।
बता दें कि आरोपी चेयरमैन सैयद आबिद अली लंबे समय समाजवादी पार्टी का हिस्सा रहे हैं। सपा में रहकर ही पालिका चुनाव लड़ते रहे हैं। इस बार लोकसभा का टिकट न मिलने पर वह बसपा में शामिल हो गए थे और मायावती ने उन्हें आंवला से पार्टी उम्मीदवार बनाया था। कट्टरपंथी छवि के आबिद अली ने चुनाव के दौरान ऐसी भड़काऊ बयानबाजी की थी कि जिसे लेकर प्रशासन ने उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी। अब वाल्मीकि परिवार को आतंकित करने को लेकर आबिद अली फिर विवादों में हैं।
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