फैज हमीद के विरुद्ध ‘टॉप सिटी’ मामले में जांच की गई जिसमें पाकिस्तान की सेना ने उसे दोषी पाने पर पकड़ लिया है। अब लेफ्टिनेंट जनरल फैज के विरुद्ध सेना नियम के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी है।
कभी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का बेहद नजदीकी रहा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का पूर्व प्रमुख फैज हमीद अब सेना की गिरफ्त में है। एक बहुत बड़े घोटाले में फंसे हमीद पर अब कोर्ट मार्शल चलाया जाएगा। हमीद के लिए वक्त ऐसा बदला है कि कभी सेनाध्यक्ष तक बनने की दहलीज पर पहुंच चुका फौजी अब अपराधी की तरह पेश हुआ है।
पाकिस्तान इन दिनों जिस उठापटक के दौर से गुजर रहा है, उसमें यूं तो अब कोई भी खबर अनहोनी सी नहीं लगती, लेकिन वहां सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी के पूर्व मुखिया से जुड़ी यह खबर दिखी तो सहसा यकीन नहीं हुआ। ले. जनरल (सेनि) फैज हमीद को सेना पुलिस ने पकड़ लिया है। उस पर एक जांच चलाई गई थी जो उसके कार्यकाल में ‘टॉप सिटी’ प्रकरण से जुड़ी थी।
उस जांच के नतीजे में हमीद को भ्रष्टाचार का अपराधी ठहराया गया जिसके बाद उसे सेना की पुलिस ने पकड़ लिया और अब कोर्ट मार्शल चलाए जाने की तैयारी हो रही है। पाकिस्तानी फौज ने बयान दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के फरमान पर अमल करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के विरुद्ध ‘टॉप सिटी’ मामले में जांच की गई जिसमें पाकिस्तान की सेना ने उसे दोषी पाने पर पकड़ लिया है। अब लेफ्टिनेंट जनरल फैज के विरुद्ध सेना नियम के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी है।
हमीद पर एक नहीं कई मामले सामने आए हैं, जो उसे उसके कार्यकाल में सेना अधिनियम के विरुद्ध जाते दिखाते हैं। और तो और जनरल फैज हमीद के विरुद्ध ये मामले उसके कार्यकाल के खत्म होने के बाद, ऐसे समय पर सामने आना हैरान करता है जब इमरान खान जेल में हैं। अब इन मामलों को देखते हुए पूर्व आईएसआई मुखिया के विरुद्ध कोर्ट मार्शल करने का हुक्म जारी हो चुका है।
जैसा पहले बताया, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का बहुत नजदीकी फौजी रहे हमीद का नाम 2022 में इमरान ने प्रधानमंत्री के नाते पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष के नाते प्रस्तावित करने का विचार तक कर लिया था, लेकिन हालात तेजी से बिगड़े और बात अधूरी रह गई। फैज के जनरल बाजवा तथा आज के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर से सुर नहीं मिले, और आज वह सेना पुलिस की गिरफ्त में पहुंच गया।
फैज हमीद जून 2019 से लेकर नवम्बर 2021 तक जिन्ना के देश की सर्वशक्तिमान खुफिया एजेंसी आईएसआई का प्रमुख रहा था। जनरल हमीद ने ही अफगानिस्तान पर तालिबान के सशस्त्र हमले का खाका बनाने में खास किरदार निभाया था। काबुल में तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी को कुर्सी से हटाने के बाद हमीद ही अगली सरकार बनाने की बात करने काबुल जाकर तालिबान से मिला था।
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