स्कॉटलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री हमज़ा यूसुफ और एक्स अर्थात ट्विटर के मालिक एलन मस्क की तकरार इन दिनों चर्चा में है। जहां एलन मस्क ने उन्हें ‘बहुत बड़ा नस्लवादी’ कहा है तो वहीं हमज़ा यूसुफ ने टेक बिलेनियर एलन मस्क को चेतावनी जारी की है।
हमज़ा यूसुफ ने अप्रैल में ही अपने पद से इस्तीफा दिया है और पिछले दिनों हमज़ा यूसुफ ने मस्क पर यह आरोप लगाया था कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर ‘श्वेत वर्चस्व’ को स्थान दे रहा है। इसके बदले में मस्क ने हमज़ा के उस भाषण का उल्लेख करते हुए ‘बहुत बड़ा नस्लवादी’ कहा, जिसमें हमज़ा ने स्कॉटलैंड को ‘श्वेतों से भरा हुआ देश बताया था!’
पाकिस्तान मूल के हमज़ा यूसुफ पहले स्कॉटलैंड में स्वास्थ्य मंत्री रहे थे और उसके बाद कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री रहे थे। हमज़ा का एक भाषण बहुत वायरल हुआ था, जिसमें वह स्कॉटलैंड की संसद में खड़े होकर कह रहे हैं, “न्यायालय अधिकारी श्वेत, कॉन्स्टेबल श्वेत, ला सोसाइटी का अध्यक्ष श्वेत, चीफ मेडिकल ऑफिसर श्वेत, हर डायरेक्टर श्वेत, क्लर्क श्वेत” जैसी बातें कहीं थी।
जब हमज़ा यूसुफ स्कॉटलैंड की संसद में खड़े होकर यह नारे लगा रहे थे कि हर जगह श्वेत लोग हैं, तब वे यह भूल गए थे कि इसी श्वेत समाज ने हमजा यूसुफ को मंत्री बनाया है। इसी श्वेत समाज ने उन्हें स्वीकारा है, उनके मूल और उनकी खाल के रंग के साथ।
पिछले वर्ष उनका यह भाषण बहुत चर्चा में रहा था और लोगों ने प्रश्न किया था कि जिस समाज ने हमज़ा को मंत्री बनाया उस समाज के प्रति हमज़ा के ये विचार हैं। हमज़ा यूसुफ ने हैरी पॉटर की लेखिका जे के रोलिंगस के ट्वीट्स को बहुत ही आक्रामक बताया था और स्कॉटलैंड ने “हेट स्पीच” को लेकर एक कानून पारित किया था और पहले ही दिन इसमें 4000 शिकायतें आई थी और कहा जाता है कि इनमें से अधिकतर हमज़ा की श्वेत-विरोधी टिप्पणियों को लेकर थीं।
इसी भाषण को लेकर एलन मस्क ने लिखा था कि वह श्वेत लोगों के खिलाफ बहुत बड़ा नस्लवादी है। मैं चेतावनी देता हूँ कि वह मुझपर मुकदमा करे।
वहीं हमज़ा यूसुफ के इसी भाषण को लेकर लोग मजाक भी उड़ा रहे हैं कि स्कॉटलैंड में आकर संसद में कोई पाकिस्तानी मूल का व्यक्ति यह भी कह सकता है कि स्कॉटलैंड में बहुत श्वेत लोग हैं। हमज़ा यूसुफ पर गाज़ा को स्कॉटलैंड द्वारा भेजी गई दान राशि को लेकर भी घोटाले के आरोप लग रहे हैं। कुछ महीने पहले ही यह समाचार टेलीग्राफ में आया था कि स्कॉटलैंड के पूर्व प्रथम मंत्री हमज़ा यूसुफ पर गाजा की सहायता संस्था को दान देने को लेकर जांच की आंच है।
टेलीग्राफ ने साल के शुरू में यह बताया था कि कैसे हमज़ा यूसुफ ने यूनिसेफ को दी जाने वाली सहायता राशि को संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (UNRWA ) की ओर मोड दिया था। गाजा के पीड़ितों के लिए स्कॉटलैंड से सहायता यूनिसेफ के माध्यम से दी जानी थी। मगर हमज़ा ने हस्तक्षेप किया और यह घोषणा कर दी कि करदाताओं के पैसे में से £250,000 UNRWA को दिए जाने चाहिए, जो गाजा में संचालित सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसी है, जिसकी हमास के साथ कथित संबंधों को लेकर आलोचना की गई है।
यूसुफ हमजा के सास और ससुर गाजा में फंसे हुए थे और 2 नवंबर को जब UNRWA को 250,000 यूरो के दान की घोषणा की गई थी और 2 नवंबर को ही हमज़ा यूसुफ UNRWA के अधिकारियों से मिले थे और उसके बाद 3 नवंबर 2023 को उनके सास-ससुर को गाजा से सुरक्षित मार्ग दिया गया था।
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हालांकि, अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा दे चुके हमज़ा यूसुफ ने इस बात से पूरी तरह से इनकार किया है कि उन्होंने UNRWA को यह दान अपने सास-ससुर को सुरक्षित निकाले जाने को लेकर दिया है। हमज़ा यूसुफ ने स्कॉटलैंड के प्रधानमंत्री पद से अप्रैल में तब इस्तीफा दे दिया था जब उन्हें यह लगा था कि वे अविश्वास प्रस्ताव का सामना नहीं कर पाएंगे। उन पर और भी कई आरोप लगे हैं। परंतु उन पर यह श्वेत नागरिकों के प्रति नस्लवादी रवैये का आरोप काफी लोग लगाते हैं और इसके प्रमाण में उनका वही भाषण सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वह एक श्वेत देश में रहकर वहाँ पर यह दुख प्रकट कर रहे हैं कि “यहाँ पर बहुत श्वेत लोग हैं!”
हमज़ा यह भूल जाते हैं कि नस्लवाद किसी स्थान पर एक विशेष जनसंख्या का होना नहीं है, बल्कि उसके प्रति भेदभाव परक दृष्टिकोण होता है। जो हमज़ा ने दिखाया है जब उन्होंने संसद में यह कहा कि स्कॉटलैंड में बहुत श्वेत लोग हैं न कि स्कॉटलैंड के लोगों ने, जिन्होंने हमज़ा को अपना नेता चुना था।
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