उत्तराखंड: बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे 400 से अधिक मदरसे, बोर्ड भी सुस्त और मंत्रालय भी बेखबर
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

उत्तराखंड: बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे 400 से अधिक मदरसे, बोर्ड भी सुस्त और मंत्रालय भी बेखबर

मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमूम कासमी से जब भी ये सवाल पूछा गया तो उन्होंने पंजीकृत मदरसों के बारे में जानकारी तो दी कि 416 मदरसे हैं और यहां इस्लामिक शिक्षा के साथ साथ भारत सरकार द्वारा निर्धारित राष्ट्रीय पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है।

by दिनेश मानसेरा
Aug 12, 2024, 12:47 pm IST
in उत्तराखंड
Uttarakhand Illegal Madarsas
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

देहरादून: राज्य में 416 ज्यादा मदरसे पंजीकृत है, लेकिन कितने मदरसे गैर कानूनी रूप से चल रहे हैं? इस बात की जानकारी मदरसा बोर्ड या तो छुपा रहा है या फिर उसे जानकारी नहीं है। ऐसी जानकारी मिली है कि देवभूमि में चार सौ से अधिक मदरसे और भी हैं जो कि बिना पंजीकरण के चल रहे हैं, जिसकी शिक्षा पर राज्य सरकार या मदरसा बोर्ड का कोई नियंत्रण नहीं है, ये मदरसे कहां से फंडिंग ले रहे हैं? क्या पढ़ा रहे हैं? कहां से बच्चे यहां आ कर पढ़ रहे हैं? इनके छात्रावास की क्या व्यवस्था है ? कोई जानकारी नहीं सामने लाई जा रही है।

मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमूम कासमी से जब भी ये सवाल पूछा गया तो उन्होंने पंजीकृत मदरसों के बारे में जानकारी तो दी कि 416 मदरसे हैं और यहां इस्लामिक शिक्षा के साथ साथ भारत सरकार द्वारा निर्धारित राष्ट्रीय पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है। किंतु जब उनसे गैर पंजीकृत मदरसों के बारे में सवाल किया जाता है तो वे जवाब नहीं दे पाते।

इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड: केदारघाटी में रेस्क्यू अभियान का प्रथम चरण पूरा, CM धामी ने केंद्र सरकार का जताया आभार

पिछले दिनों उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम द्वारा आजाद कॉलोनी स्थित एक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे के जांच में खामियां पाई गई, जिसके बाद से राज्य में बिना पंजीकरण चल रहे मदरसों के खिलाफ शासन स्तर से कारवाई किए जाने की आवाजें उठ रही है। देहरादून में ही एक अन्य मदरसे के प्रबंधकों पर विदेशी फंडिंग को लेकर विवाद हुआ है, जिसकी जांच भी शुरू हो गई है।

जानकारी के अनुसार, बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के प्रमुख सचिव को इस बारे में पत्र लिख कर अवगत करवाया है कि अवैध रूप से संचालित मदरसों की जांच करवाई जाए। उधर मदरसा बोर्ड के निदेशक ने शासन के दिशा निर्देश पर सभी जिलों के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियो से रिपोर्ट तलब की है,हालांकि इस बारे में पहले भी कई बार आदेश हुए है किंतु रिपोर्ट कभी भी सामने नहीं आई कि आखिर राज्य के जिलों में कितने मदरसे बिना मान्यता प्राप्त है?

उल्लेखनीय है कि कट्टरपंथी इस्लामिक संस्थाएं मदरसों का पंजीकरण नहीं होने देती क्योंकि पंजीकरण के बाद उन्हें सरकार को फंडिंग का हिसाब किताब देना जरूरी हो जाता है साथ ही उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाने को बाध्य होना पड़ जाता है। उत्तराखंड में गैर मान्यताप्राप्त मदरसों के संचालक सरकार के अगले कदमों से पहले ही सजग होकर सफाई देने लग गए है कि मदरसा बोर्ड में पिछले चार सालों से कोई मान्यता कमेटी नहीं बनाई है हमारे कई मामले लंबित है, सरकार मदरसों को बंद करने की नियत रखती है जैसे आरोप अब लगाए जाने लगे हैं।

जब आजाद कॉलोनी के अवैध मदरसे का मामला सुर्खियों में आया तो मुस्लिम सेवा संगठन सहित अन्य इस्लामिक संस्थाओं ने उल्टा बाल अधिकार संरक्षण आयोग पर बेअदबी के आरोप लगा दिए और अपनी कमियों पर कोई जवाब नहीं दिया। बहरहाल देवभूमि उत्तराखंड में भी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और असम राज्यों की तरह अवैध मदरसों के खिलाफ कारवाई की जरूरत समझी जा रही है।

इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर कैंडल मार्च वाले गायब: सीएम धामी

उत्तराखंड की सरकारी जमीनों पर कब्जे कर मदरसे बनाए जाने के मामले भी खुलकर सामने आ रहे है, किंतु इस बारे में अल्पसंख्यक मंत्रालय, नगर विकास मंत्रालय क्यों मौन धारण कर लेता है? ये बड़ा सवाल है। पछुवा देहरादून हरिद्वार जिले में ऐसे बड़े-बड़े मदरसे बिना प्रशासन की अनुमति से आखिर कैसे बनते चले गए ये भी बड़ा सवाल है? खास बात ये है कि शासन स्तर पर इन मदरसों को लेकर जांच पड़ताल की बात शुरू तो होती है। लेकिन, एका-एक इसमें रहस्यमई खामोशी भी छा जाती है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन अवैध मदरसों के संचालक ऊंची पहुंच का इस्तेमाल कर जांच पड़ताल को निष्क्रिय कर देते है।

सीएम धामी भी अवैध मदरसों को लेकर चिंतित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बार बार यही कहते आए हैं कि राज्य में मदरसों की जांच की जा रही है और गैर कानूनी रूप से चलने वाले मदरसों के खिलाफ कारवाई अवश्य की जाएगी।

Topics: उत्तराखंडUttarakhandअवैध मदरसाIllegal Madrasaउत्तराखंड मदरसा न्यूजउत्तराखंड मदरसा बोर्डUttarakhand madrasa newsUttarakhand madrasa board
Share4TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

12 साल बाद आ रही है हिमालय सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा

ECI issues notice 6 political parties of UK

उत्तराखण्ड के 6 राजनैतिक दलों को चुनाव आयोग का नोटिस, जानिए कारण

Pushkar Singh Dhami Demography

विकसित भारत @2047 : CM धामी ने पूर्व सैनिकों संग डेमोग्राफी चेंज और धर्मान्तरण पर की चर्चा

CM Dham green signal to the first batch of Kailas mansarovar pulgrims

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को टनकपुर से किया रवाना

Uttarakhand Illegal Madarsa

नैनीताल: रामनगर में अवैध मदरसा सील, 27वां मदरसा बंद, राज्य में अब तक 228 ठप

Uttarakhand Bipin chandra rawat

देहरादून: सैन्य धाम के निर्माण कार्य का अंतिम चरण, मंत्री गणेश जोशी ने की प्रगति समीक्षा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies