भारत सरकार रक्षा क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। इसको इस तरह से समझा जा सकता है कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात 78 प्रतिशत बढ़ गया है। रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 की पहली तिमाही में रक्षा निर्यात बढ़कर 6,915 करोड़ रुपए हो गया है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, यह पिछले वर्ष की तुलना में यह आंकड़ा करीब दोगुना है। इससे पहले पिछले वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 3,865 करोड़ रुपए था। सोशल मीडिया पर एक पोस्टर साझा करते हुए रक्षा प्रवक्ता ए. भारत भूषण बाबू ने कहा कि यह उछाल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और नवाचार में एक नया मानदंड स्थापित करने की सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
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गौरतलब है कि इससे पहली इसी साल जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने मेक इन इंडिया के तहत अत्याधुनिक तकनीक में क्षमताओं को बढ़ाने और रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा देने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र को बनाने के उद्येश्य से प्रौद्योगिकी विकास कोष (TDF) के जरिए 300 करोड़ रुपए से अधिक के आवंटन को मंजूरी दे दी थी।
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प्रौद्योगिकी विकास कोष (TDF) योजना केंद्रीय रक्षा मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसको DRDO क्रियान्वित कर रहा है। MSME और स्टार्टअप्स समेत भारतीय उद्योगों, शैक्षणिक और वैज्ञानिक संस्थानों को रक्षा और दोहरे उपयोग वाली तकनीकों के विकास के लिए अनुदान देती है। इस कोष से रक्षा प्रौद्योगिकी के डिजाइन और विकास के लिए भारतीय उद्योगों की क्षमता और योग्यता को बढ़ाने की कोशिशें करता है।
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