नई दिल्ली। कांग्रेस ने तिरंगा फहराने को लेकर एक बार फिर झूठ फैलाया। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हमेशा से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का विरोधी रहा है और वह इसे फहराता नहीं था। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्यसभा के पूर्व सांसद एवं संघ के जानकार प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस आजकल हर विषय पर सोशल मीडिया में झूठ फैलाने का प्रयास करती रहती है। संघ हमेशा से इस देश से, इस देश के मानबिन्दुओं से प्यार करता है और उसका सम्मान करता है। तिरंगा ध्वज हमारे लिए देश की पहचान है और हम उसे गर्व के साथ फहराते हैं।
प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि संघ राष्ट्रीय जीवन से जुड़े सभी पक्षों के प्रति समर्पित है । 1930 में लाहौर में कांग्रेस के पूर्ण स्वराज के प्रस्ताव के बाद संघ ने सभी शाखाओं में ध्वज का पूजन किया गया। संघ पर आरोप वही लगा रहे हैं जो टुकड़े टुकड़े गैंग का हिस्सा हैं या उन्हें इतिहास बोध नहीं है । राष्ट्रीय संकेतों का राजनीतिकरण करना अपने आप में अपराध है ।’’
गलत संदर्भ, आधी बात
जयराम रमेश ने आधे-अधूरे तथ्यों को साझा करते हुए दावा किया था कि संघ तिरंगे की जगह केसरिया ध्वज को मान्यता देता रहा है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हर घर तिरंगा अभियान एक छलावा है। जबकि सच्चाई यह है कि संघ संविधान और तिरंगे का पूरा सम्मान करता है और उसकी रक्षा के लिए संघ के स्वयंसेवकों ने अपने प्राणों तक की बाजी लगा दी थी, तिरंगे की रक्षा के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक बलिदान दिया है।
आजादी के तुरंत बाद कश्मीर में एक निशान-एक विधान-एक प्रधान के नारे के साथ आंदोलन चलाना तिरंगे का सम्मान था। गोवा मुक्ति आंदोलन में भी संघ के स्वयंसेवक तिरंगा हाथों में लेकर आगे बढ़े थे। कांग्रेस ने देश की आन-बान-शान के प्रतीक तिरंगे से आम लोगों को दूर रखा। तिरंगे को केवल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर स्कूलों, कालेजों और सरकारी कार्यालयों पर ही फहराने का प्रावधान किया था।
प्रसिद्ध उद्योगपति और राजनेता नवीन जिंदल ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को उठाया, उसके बाद 1995 से आम नागरिकों को अपने घरों और संस्थानों में तिरंगा फहराने की छूट मिली। स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय में तिरंगा फहराया जाता है और संघ प्रमुख देश में जहां कहीं भी हों, वहां समारोहपूर्वक तिरंगा फहराते हैं। संघ के जानकारों का कहना है कि कांग्रेस देश की आजादी से लेकर स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वालों को लेकर लगातार झूठ बोलती रही है और पूरे आंदोलन का श्रेय खुद लेना चाहती है। अब उसके एक एक झूठ की पोल खुल रही है, इसलिए वह बेचैन है। प्रधानमंत्री मोदी की अनूठी पहल- हर घर तिरंगा ने देश में एक नया उत्साह पैदा किया है। वर्ष 2022 से शुरू किए गए इस अभियान ने एक बड़ा परिवर्तन किया है। अब लोग 9 अगस्त से 15 अगस्त तक अपने घरों की छत पर तिरंगा फहराते हैं। कांग्रेस को लगता है कि इससे आजादी के आंदोलन में उसकी सर्वोच्चता की कलई खुल रही है, इसीलिए वह तरह-तरह के झूठ फैलाने की नाकाम कोशिश करती रहती है।
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