इराक में हाल ही में एक नया प्रस्तावित कानून चर्चा का केंद्र बना हुआ है, जिसमें लड़कियों की शादी की उम्र को घटाकर 9 साल करने का प्रावधान किया गया है। इराकी संसद में इस विधेयक को पेश किया गया है, और अगर यह विधेयक पारित हो जाता है, तो 9 साल की लड़कियों की शादी वैध मानी जाएगी। इस प्रस्ताव ने देश में व्यापक विरोध और आलोचना को जन्म दिया है, खासकर महिलाओं और मानवाधिकार संगठनों के बीच।
पर्सनल स्टेटस लॉ 1959 में परिवर्तन के प्रयास
यह प्रस्तावित कानून इराक के पर्सनल स्टेटस एक्ट 1959 में परिवर्तन करने के उद्देश्य से पेश किया गया है। इस कानून के तहत पहले से ही इराक में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल निर्धारित की गई थी, जिसे अब घटाकर 9 साल करने का प्रयास किया जा रहा है। यह एक्ट 1959 में अब्दुल करीम कासिम की सरकार द्वारा लागू किया गया था, जिसमें महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कई प्रावधान शामिल थे।
समाचार पत्र मिडिल ईस्ट आई के अनुसार, प्रस्तावित परिवर्तन पर्सनल स्टेटस एक्ट 1959 के नियम 188 में किया जा रहा है। अगर यह विधेयक पारित हो जाता है, तो 9 साल की लड़कियां 15 साल के लड़कों से शादी कर सकेंगी।
विरोध और आलोचना
इस विधेयक के खिलाफ इराक में व्यापक विरोध देखा जा रहा है। महिलाएं और मानवाधिकार संगठनों ने इस कानून की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि यह कानून न केवल लड़कियों के अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि उनके भविष्य को भी खतरे में डालता है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार इराक में 28 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले कर दी जाती है। एचआरडब्ल्यू शोधकर्ता सारा सनबार ने कहा, “इस कानून के पारित होने से देश का विकास आगे नहीं बल्कि पीछे की ओर जाएगा।” मानवाधिकार से जुड़े कई लोगों का मानना है कि अगर यह विधेयक संसद से पारित हो गया तो देश में लड़कियों की शिक्षा और उनकी आजादी खतरे में पड़ जाएगी।
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