जानकारों के अनुसार , शिव भक्त सचिन कांवड़ लेकर घर से निकला था लेकिन वह कभी वापस नहीं लौटा। भगवान शिव को जल चढ़ाने के बाद उन्हें वापस लौटना था, लेकिन इससे पहले ही वह हादसे का शिकार हो गया और उनकी मृत्यु हो गई। हालांकि, सचिन के इस दुनिया से चले जाने के बाद उन्होंने पांच लोगों की जिंदगी बदल दी और उन्हें नई जिंदगी दी। यही पांच लोग सचिन को जिंदा रखेंगे और उसे हमेशा याद रखेंगे।
कांवड़ यात्रा के दौरान गंगाजल लेने हरिद्वार जाते समय रुड़की के पास कार की टक्कर से सचिन की मौत हो गई थी। सचिन ने अपने अंगदान करके पांच लोगों की जान बचाई और उन्हें एक नई दिशा दी। जानकारी के अनुसार, महेंद्रगढ़, हरियाणा निवासी 25 वर्षीय सचिन खंडेलवाल का 22 जुलाई को एक्सीडेंट हो गया था और उन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने बताया कि वह कोमा में चले गए और कुछ ही देर बाद उनकी मृत्यु हो गई। डॉक्टरों के द्वारा संपर्क करने के बाद सचिन का परिवार उसके अंग दान करने के लिए सहमत हो गए। निदेशक प्रोफेसर डॉ मीनू सिंह ने कहा, “हमने न केवल उन्नत चिकित्सा प्रौद्योगिकी में एक मील का पत्थर हासिल किया, बल्कि सचिन के परिवार की सहमति और सहायता से जरूरतमंदों को नया जीवन दिए जाने का एक सफल उदाहरण भी पेश किया। उन्होंने कहा कि अंगदान के प्रति समाज में सकारात्मक जागरूकता की आवश्यकता है और हमें खुशी है कि सचिन के परिवार ने सेवा का यह साहसी कार्य किया।
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