पेरिस ओलंपिक में अव्यवस्था चरम पर, भारत सरकार ने ओलंपिक्स खिलाड़ियों के लिए भेजे एसी
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पेरिस ओलंपिक में अव्यवस्था चरम पर, भारत सरकार ने ओलंपिक्स खिलाड़ियों के लिए भेजे एसी

आलोचना के बाद ओलंपिक समिति ने कुछ एसी अवश्य उपलब्ध कराए थे, मगर वह भी ऊंट के मुंह में जीरा ही साबित हुए।

by सोनाली मिश्रा
Aug 4, 2024, 12:52 pm IST
in विश्लेषण
Paris Olympics Mismanagement

प्रतीकात्मक तस्वीर

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पेरिस में चल रहे “ग्रीन” ओलंपिक्स खिलाड़ियों को ग्रीन रखने में सफल नहीं हो पाए हैं। ग्रीन ओलंपिक्स के चलते खिलाड़ियों के लिए ओलंपिक्स समिति ने एसी तक उपलब्ध नहीं कराए थे। जबकि पेरिस में इन दिनों भयानक गर्मी पड़ रही है। पहले भी समाचार आए थे कि खिलाड़ियों ने अपने-अपने देशों से एसी तथा बिस्तर आदि की व्यवस्था की।

इसके बाद आलोचना के बाद समिति ने कुछ एसी अवश्य उपलब्ध कराए थे, मगर वह भी ऊंट के मुंह में जीरा ही साबित हुए। भारत से भी कई खिलाड़ी वहाँ पर गए हुए हैं। भारत के खिलाड़ियों को गर्मी से बचाने के लिए भारत सरकार ने भी अब एसी भेजे हैं।

इसे भी पढ़ें: पेरिस ओलंपिक बैडमिंटन : लक्ष्य सेन ने रचा इतिहास, पुरुष एकल सेमीफाइनल में पहुंचे

STORY | With temperatures soaring in Paris Olympics, Sports Ministry ensures 40 ACs for Indian athletes

READ: https://t.co/XkQhW1zB5I

VIDEO: #Olympics2024WithPTI #ParisOlympics2024

(Source: Third Party) pic.twitter.com/bvrvJWxCSa

— Press Trust of India (@PTI_News) August 2, 2024

पेरिस में चल रहे ओलंपिक्स खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के कमरों में एसी की व्यवस्था न होने पर अब भारत सरकार ने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन और फ्रांसीसी दूतावास के साथ बातचीत के बाद खेल-गाँव में ये एसी भेजे। शुक्रवार को हुई इस बैठक में पेरिस में अचानक से बढ़ रहे तापमान और उमस के कारण खिलाड़ियों को हो रही असुविधा पर चर्चा हुई और फिर यह निष्कर्ष निकाल गया कि फ्रांस में भारतीय दूतावास आवश्यक एयर कंडीशनर खरीदेगा। इसके बाद तत्काल ही भारतीय दूतावास ने अपने खिलाड़ियों के लिए 40 पोर्टेबल एसी खरीदे और खेल गाँव में अपने खिलाड़ियों के कमरे में लगे।

जहां एक ओर विविध प्रतिस्पर्धाओं में खिलाड़ी गर्मी से परेशान नजर आ रहे हैं, तो वहीं ओलंपिक्स समिति का यह कहना है कि उन्होनें ओलंपिक्स के दौरान कार्बन फुटफ्रिंट को कम करने के लिए एसी न प्रयोग करने का निर्णय लिया है।

पेरिस ओलंपिक्स बहुत गलत कारणों से चर्चा में है और जिनमें ट्रांसजेंडर महिलाओं को महिलाओं के साथ खिलाए जाने पर भी लगातार विवाद हो रहे हैं। कल फिर से दो ट्रांसजेंडर महिलाएं, जैविक महिलाओं को बॉक्सिंग में पराजित करके आगे बढ़ी हैं। महिला बॉक्सर्स लगातार अपना असंतोष व्यक्त कर रही हैं, मगर ओलंपिक्स समिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है।

इसे भी पढ़ें: पेरिस ओलंपिक में भारतीय निशानेबाज मनु भाकर रच रहीं इतिहास पर इतिहास, अब पदकों की हैट्रिक लगाने के करीब

इसके साथ ही यह फिर से तब चर्चा में आया जब एक खिलाड़ी ने सीन नदी में तैरने के अपने अनुभव के विषय में बताया। दरअसल सीन/सेने नदी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर फ्रांस में बहुत दिनों से विवाद चल रहा था। जहां काफी धनराशि इसे साफ करने में खर्च हुई थी, तो वहीं यह साफ नहीं हुई थी।

महिलाओं की तैराकी की प्रतिस्पर्धा जब शुक्रवार को सेने नदी में हुई तो बेल्जिय की खिलाड़ी जोलीन वेरमेलेन ने अधिकारियों पर गुस्सा होते हुए कहा कि नदी साफ नहीं थी और उन्हें बीमार होने का डर है। यूकेमेट्रो के अनुसार उन्होनें बताया कि पल के नीचे तैरते हुए, मैंने कई चीजें देखी और महसूस कीं, जिसके बारे में हमें बहुत ज्यादा नहीं सोचना चाहिए। उन्होनें कहा कि सैकड़ों सालों से यह नदी प्रदूषित थी, तो वे यह नहीं कह सकते कि खिलाड़ियों की सुरक्षा उनके लिए प्राथमिकता थी।

यूकेमेट्रो के अनुसार आयोजकों ने लगभग 1 बिलियन यूरो इस नदी को साफ करने के लिए खर्च की हैं और फिर भी मंगलवार को नदी के पानी को प्रदूषित पाया गया था और बुधवार को ये प्रतिस्पर्धाएं आयोजित कराई थीं। यूके मेट्रो के अनुसार खिलाड़ियों में इन अव्यवस्थाओं को लेकर गुस्सा है। एक खिलाड़ी ने पेरिस में चल रही घटनाओं पर कहा कि स्थितियाँ खेल और खिलाड़ियों के लिए अपमानजनक हैं।

इसे भी पढ़ें: पेरिस ओलंपिक : भारत ने जीता एक और मेडल, स्वप्निल कुसाले का कांस्य पदक पर निशाना, हॉकी में जीता बेल्जियम

यह हैरान करने वाली बात है कि प्रदूषित नदी में तैराकी के आयोजन हो रहे हैं, खिलाड़ियों के लिए एसी उनके अपने देशों से आ रहे हैं और महिला बॉक्सर्स के साथ “ट्रांसजेंडर” महिलाएं या जैविक पुरुष लड़ रहे हैं, और भी तमाम अव्यवस्थाएं हैं, मगर मीडिया में ये चर्चाएं नदारद हैं। खिलाड़ियों का असंतोष नदारद है और उनकी सुरक्षा चिंताऐं भी नदारद हैं।

कम्युनिस्ट मीडिया को यह पता है कि उसे क्या दिखाना है और क्या नहीं। वह उसी के अनुसार कार्य कर रहा है और देशों द्वारा अपने खिलाड़ियों के लिए एसी भेजे जाने जैसी महत्वपूर्ण घटना पर भी चुप है क्योंकि यह उसके कथित “ग्रीन ओलंपिक्स” की क्रांति की पोल खोल देगा।

Topics: ओलंपिकOlympicsworld Newsफ्रांसFranceIndian Olympic Associationपेरिस ओलंपिकParis Olympicsइंडियन ओलंपिक एसोसिएशनवर्ल्ड न्यूज
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