NEET पेपर लीक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि पेपर लीक कोई सिस्टमैटिक नाकामी नहीं है। पेपर लीक बड़े पैमाने पर नहीं हुआ है। शीर्ष अदालत पेपर लीक का मामला केवल बिहार के पटना और हजारीबाग तक ही सीमित था।
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मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने कहा कि यह सामने आय़ा है कि ऐसी कोई सामग्री नहीं थी की पेपर लीक की घटना व्यापक स्तर पर थी, जिससे पूरी परीक्षा की पवित्रता को ठेस पहुंचा है, जिसने एनटीए द्वारा की गई चूकों को उजागर किया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “हमने कहा है कि NTA को अब इस मामले में की गई ढिलाई से बचना चाहिए।” CJI ने कहा कि एनटीए द्वारा की गई इस तरह की ढिलाई छात्रों के हित में नहीं है।
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सीजेआई ने उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र की अनुमति देने और नए पंजीकरण की अनुमति देने के लिए पीछे का दरवाजा खोलने के लिए एनटीए पर भी सवाल उठाए हैं। शीर्ष अदालत ने कहा है कि हमने अपने फैसले में एनटीए से जुड़ी सभी खामियों पर बात की है। लेकिन, हम अपने छात्रों के हित में एनटीए की खामियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।
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इसके साथ ही केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार को भी सलाह दी है कि केंद्र सरकार को नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को दूर कर लेना चाहिए, ताकि दोबारा से इस तरह की कोई गलती न हो।
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