केरल के वायनाड में बाढ़ और भू स्खलन के कारण हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं। वहां पर लोगों को बचाने के लिए सेना और एनडीआरएफ लगातार काम कर रही है। इसी क्रम में सेना के अधिकारियों ने प्रदेश सरकार को बताया है कि जिले के मुंडक्कई में तबाह हो चुके गांव के सभी लोगों की मौत हो गई है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, सेना अब बस इस इलाके से सिर्फ शवों को बरामद करने की जरूरत है। गुरुवार को भूस्खलन और बाढ़ से वायनाड में मौतों का आंकड़ा बढ़कर 297 पहुंच गया है। सेना के केरल-कर्नाटक सब एरिया के जनरल कमांडिंग ऑफिसर (जीओसी) मेजर जनरल वीटी मैथ्यु का कहना है कि हो सकता है कि मुंडक्कई और अट्टामाला इलाकों में किसी के जिंदा फंसे होने की संभावना नहीं है।
गुरुवार को वायनाड में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता हुई बैठक में यह स्पष्ट किया गया। बचाव दल में शामिल सेना के जवानों का मानना है कि मानना है कि सभी जीवित बचे लोगों को बचा लिया है। तलाशी के लिए तीन खोजी कुत्ते भी मौजूद थे। सेना उपकरणों को घटनास्थल तक पहुंचाने के लिए बनाया गया बेली ब्रिज गुरुवार को शाम सेना की स्कॉर्पियो जीप से बेली ब्रिज की टेस्टिंग के बाद उसे शुरू कर दिया गया।
वायनाड में सर्च ऑपरेशन में शामिल एडीजीपी एमआर अजथकुमार ने बताया कि मुंडक्कई 1000 और मलप्पुरम में 1000 पुलिसकर्मी काम में लगे हुए हैं। केरल कौमुदी की रिपोर्ट में बताया गया है कि दो स्कूलों में पढ़ने वाले 29 छात्र लापता हो गए हैं, जिसमें 11 छात्र वेल्लारमाला स्कूल के छात्र भी शामिल हैं। बचाव दल ने चार बच्चों के शवों को बरामद कर उनकी पहचान कर ली है। भूस्खलन में घरों सहित 348 इमारतें नष्ट हो गई हैं।
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