स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी- 'ऐसे गुंडे को सीएम आवास में कौन रखता है
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स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी- ‘ऐसे गुंडे को सीएम आवास में कौन रखता है

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (1 अगस्त, 2024) को आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट किए जाने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी पूर्व सचिव बिभव कुमार को लेकर सख्त टिप्पणी की है।

by सुनीता मिश्रा
Aug 1, 2024, 06:53 pm IST
in दिल्ली
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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (1 अगस्त, 2024) को आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट किए जाने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी पूर्व सचिव बिभव कुमार को लेकर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, “एक महिला के साथ ऐसा व्यवहार करने पर उनको शर्म नहीं आई। हम कॉन्ट्रैक्ट किलर, हत्यारों को भी जमानत देते हैं। लेकिन इस मामले में किस तरह से नैतिकता को ताक पर रख दिया गया। बिना किसी उकसावे के बिभव ने गुंडागर्दी की। जिस स्थान पर इस तरह की चीजें घटित हुई हैं उससे हम स्तब्ध हैं।”

एक गुंडे की तरह हमला किया

जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बिभव कुमार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि क्या सीएम आवास गुंडों को रखने के लिए है? उसने (बिभव कुमार) एक गुंडे की तरह काम किया। निजी सचिव के पद पर नहीं होने के बावजूद वह मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में घुसा। वो सीएम आवास में क्या कर रहे थे? वहां क्यों थे? महिला ने उसे अपनी शारीरिक स्थिति बता दी थी। इसके बावजूद उसने उन पर हमला किया। ऐसे बर्ताव पर शर्म आती है कि महिला के साथ जबरदस्ती की गई।

‘सीएम का सरकारी आवास उनका निजी घर है क्या’

वहीं, आरोपी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने उसका बचाव करते हुए अदालत में कहा कि मालीवाल पहले दिन थाने गईं, लेकिन बिना एफआईआर दर्ज कराए ही लौट आईं। ​फिर उन्होंने तीन दिन बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई। इस पर अदालत ने पूछा, ”क्या स्वाति मालीवाल ने 112 पर कॉल किया? अगर हां, तो यह आपके दावे को झूठा साबित करता है कि उन्होंने कोई मनगढ़त कहानी गढ़ी है। सीएम का सरकारी आवास उनका निजी घर है क्या? क्या इसके लिए इस तरह के​ नियमों की आवश्यकता है। हम हैरान हैं, यह मामूली और बड़ी चोटों के बारे में नहीं है। हाई कोर्ट ने हर बात को सही तरीके से सुना है।” इस दौरान सिंघवी ने भी माना कि स्वाति मुख्यमंत्री के आवास पर गई थीं।

अदालत ने सिंघवी की दलील खारिज की

इसके बाद सिंघवी ने हत्या के दो मामलों में बिभव कुमार को जमानत मिलने का हवाला दिया, जिस पर कोर्ट ने उन्हें लताड़ते हुए कहा, “हमें उन मामलों का हवाला न दें, क्योंकि जिस स्थान पर इस तरह की चीजें घटित हुई हैं उससे हम स्तब्ध हैं। यह हमारी चिंता का कारण है। सवाल यह है कि यह कैसे हुआ। मालीवाल ने उसे रुकने के लिए कहा लेकिन वह आदमी नहीं रूका। वह क्या सोचता है? क्या उसके सिर पर शक्ति सवार है? आप पूर्व सचिव थे, अगर पीड़िता को वहां रहने का अधिकार नहीं था, तो आपको भी वहां रहने का अधिकार नहीं था। आपने ऐसा दिखाया जैसे कोई गुंडा परिसर में घुस आया हो। आपको एक महिला के साथ ऐसा व्यवहार करते हुए शर्म नहीं आई? स्वाति एक युवा महिला हैं। क्या आपको लगता है कि उस कमरे में मौजूद किसी को भी बिभव के खिलाफ कुछ भी कहने की हिम्मत हुई होगी?’

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर बिभव की जमानत अर्जी पर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त 2024 को होगी।

जानें क्या है स्वाति मालीवाल का मामला

दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख स्वाति मालीवाल का आरोप है कि 13 मई 2024 को सीएम आवास पर उनके साथ मारपीट की गई। तीन दिन बाद 16 मई 2024 को इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में उन्होंने आरोप लगाया था कि वो केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर गई थीं। तभी अचानक बिभव कुमार कमरे में घुस आया। उन्होंने बिना किसी बात के उन पर चिल्लाना शुरू कर दिया। उन्होंने स्वाति को गाली भी दी। वह उनके इस बर्ताव से स्तब्ध रह गईं। इसके बाद बिभव ने उन्हें 7-8 थप्पड़ मारे। पेट और प्राइवेट पार्ट पर लात भी मारी। इससे उनकी शर्ट के बटन टूट गए। मालीवाल के अनुसार, उनके कपड़े खुलने के बाद भी बिभव उन्हें पीटता रहा। उसने उनका सिर भी टेबल पर पटक दिया। केजरीवाल घर पर नहीं थे। इस दौरान कोई भी उनकी मदद करने के लिए आगे नहीं आया।

Topics: arvind kejriwalSwati Maliwal caseSwati Maliwal case in Supreme courtVaibhav Kumarस्वाति मालीवाल केसSupreme Courtसुप्रीम कोर्ट
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