Wayanad Landslide: हाल ही में वायनाड में आई त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। वायनाड जिले में मंगलवार को हुए विनाशकारी भूस्खलन में 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 200 घायल हो गए, 180 लापता लोगों के लिए बचाव अभियान जारी है। केरल के वायनाड में 30 जुलाई को हुए भूस्खलन पर राज्यसभा में चर्चा हुई; गृह मंत्री अमित शाह ने भूस्खलन के कारण जान गंवाने वाले शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही उन्होंने सदन में इस आपदा के संबंध में कुछ जानकारी भी साझा की।
केरल सरकार ने समय रहते कार्रवाई नहीं की: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज संसद में दावा किया कि केरल सरकार को 23 जुलाई को संभावित भूस्खलन के बारे में पहले ही चेतावनी दी गई थी। अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, “केरल में एनडीआरएफ की नौ टीमें पहले ही भेजी जा चुकी थीं, लेकिन केरल सरकार ने समय रहते लोगों को नहीं निकाला।”
शाह ने कहा कि देश में 2016 से भारी वर्षा, लू, तूफान और बिजली गिरने जैसी आपदाओं के लिए अत्याधुनिक पूर्व चेतावनी प्रणाली मौजूद है। उन्होंने कहा कि सात दिन पहले यह चेतावनी दिए जाने के बाद 24 और 25 जुलाई को फिर चेतावनी दी गई और 26 जुलाई को कहा गया कि 20 सेंटीमीटर से अधिक और भारी वर्षा होगी, भूस्खलन की संभावना है, गाद भी बहकर आ सकती है। इसके अंदर दबकर लोगों की मौत भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने इन चेतावनियों पर कार्रवाई की है और जान-माल की हानि को काफी हद तक कम किया है। उन्होंने कहा कि गुजरात और ओडिशा इसके उदाहरण हैं तथा सरकार ने इस प्रणाली पर 2,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
अमित शाह ने आगे बताया कि 2024 तक भारत के पास दुनिया की सबसे आधुनिक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली होगी। शाह ने कहा कि भारत दुनिया के उन चुनिंदा चार देशों में शामिल है जो सात दिन पहले तक मौसम की स्थिति का पूर्वानुमान लगा सकते हैं। ” उन्होंने कहा कि यदि केरल सरकार एनडीआरएफ की टीमों के पहुंचने के बाद सतर्क हो जाती तो भूस्खलन से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता था। शाह ने आगे कहा, “नरेंद्र मोदी सरकार वायनाड त्रासदी से निपटने के लिए केरल सरकार और लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है।”
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