गूगल के प्रवक्ता द्वारा कहा गया है कि खोज के सुझावों में कोई ‘मैन्युअल’ बदलाव नहीं किया गया है। गूगल के अंदर ऐसा तंत्र है जो राजनीतिक हिंसा को लेकर खुद ही उसके बारे में पूरे सुझाव को रोक देता है। यह गूगल का आंतरिक ‘सिक्योरिटी फीचर’ है।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर दो सप्ताह पहले हुए जानलेवा हमले की खबरें सर्च इंजन गूगल छुना रहा है। ऐसा आरोप किसी और ने नहीं, खुद डोनाल्ड ट्रंप के पुत्र ने गूगल पर लगाया है। ट्रंप जूनियर का कहना है कि ऐसा करके कहीं न कहीं गूगल राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस की मदद ही कर रहा है।
दिलचस्प बात है कि गूगल खोलने पर जानलेवा हमले सर्च करने पर सुझावों में विभिन्न ऐतिहासिक घटनाएं दिखाई जाती हैं, जैसे रोनाल्ड रीगन की असफल हत्या, आर्चड्यूक फर्डिनेंड की हत्या, बॉब मार्ले की गोली मारकर हत्या और पूर्व राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्ड के विरुद्ध असफल षडयंत्र। लेकिन हाल की डोनाल्ड ट्रम्प से जुड़ी घटना सुझाव में नहीं आती।
गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन माना जाता है। इसी को लेकर जूनियर ट्रंप नाराज हैं कि उनके पिता यानी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के असफल प्रयास को खोज परिणामों में छिपाया जा रहा है। उनके इस आरोप से राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है। हो यह रहा है कि जब लोग गुगल पर ट्रंप की हत्या के बारे में खोजने बैठते हैं, तो हैरान रह जाते हैं कि यह सर्च इंजन उन्हें वही छोड़ कर अन्य अनेक घटनाओं को सामने दिखाता है। रिपब्लिकन पार्टी का आरोप है कि ऐसा करके गूगल राष्ट्रपति चुनावों में कमला हैरिस को मदद ही पहुंचा रहा है।
गूगल सर्च इंजन के ‘ऑटोकम्प्लीट टूल’ द्वारा पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर 13 जुलाई 2024 को हुई जानलेवा गोलीबारी के कैसे भी जिक्र को अनदेखा कर दिया है। पूर्व राष्ट्रपति के बेटे जूनियर ट्रंप के गूगल पर भड़कने की यही वजह है। उनका सीधा आरोप है कि यह सर्च इंजन नहीं चाहता कि ट्रंप पर हमले के बारे में लोग ज्यादा कुछ जानें या उसे सर्च करें। ऐसा करके यह टेक कंपनी अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनावों में गड़बड़ करने का प्रयास करती मालूम देती है।
एक यूजर द्वारा गूगल सर्च इंजन पर ‘हत्या का प्रयास’ टाइप करने पर 13 जुलाई को बटलर, पेनसिल्वेनिया में हुई उस घटना का सुझावों की लिस्ट में कोई अता—पता नहीं मिला। जबकि 13 जुलाई की उस घटना ने अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया को बुरी तरह चौंका दिया था। घटना इतनी बड़ी और वैश्विक स्तर की थी, लेकिन तो भी गूगल उसे सुझाव की लिस्ट में नहीं दिखाता।
डोनाल्ड ट्रंप जूनियर का आरोप है कि गूगल पर जानबूझकर खोज के परिणामों में उलटफेर की गई है जिससे कमला हैरिस को चुनावी फायदा पहुंचे। एक्स अकाउंट अपनी पोस्ट में वे लिखते हैं, ”बड़ी टेक कंपनियां कमला हैरिस की सहायता के लिए चुनाव में फिर दखल दे रही हैं। हम सबको मालूम है कि गूगल फर्म जानबूझकर राष्ट्रपति चुनाव में दखल दे रहा है। यह बहुत निंदनीय काम है।”
बता दें कि अमेरिका में नवंबर 2024 में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर देश में दोनों दलों की ओर से जोरदार अभियान चल रहा है। वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस चुनाव में कमला हैरिस को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया है, जो एक डेमोक्रेट हैं। वहीं, रिपब्लिकन की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मैदान में हैं।
गत 13 जुलाई को चुनाव प्रचार रैली कर रहे पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर एक आदमी ने हत्या के इरादे से गोली चलाई, लेकिन किस्मत से वह गोली ट्रंप के कान को छूकर निकल गई थी, वे बाल-बाल बचे थे। तब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर यह कहा था कि उन्होंने ‘लोकतंत्र के लिए गोली खाई’।
जूनियर ट्रंप के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए गूगल के प्रवक्ता द्वारा कहा गया है कि खोज के सुझावों में कोई ‘मैन्युअल’ बदलाव नहीं किया गया है। गूगल के अंदर ऐसा तंत्र है जो राजनीतिक हिंसा को लेकर खुद ही उसके बारे में पूरे सुझाव को रोक देता है। यह गूगल का आंतरिक ‘सिक्योरिटी फीचर’ है।
लेकिन अजीब बात है कि कैनेडी, अब्राहम लिंकन, रोनाल्ड रीगन, रूजवेल्ट जेसे अनेक नेताओं की हत्या के प्रयासों की खोज—खबर लेने की कोशिश करो तो इसी सिक्योरिटी फीचर द्वारा कोई सुझाव नहीं छुपाया जाता।
आगे गूगल प्रवक्ता का कहना था कि ‘हम अपने सिस्टम को और अपडेट करने में जुटे हैं। इसमें ऑटोकम्प्लीट तो बस लोगों का समय बचाने में मदद करने का उपकरण है।’
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