उत्तराखंड

उत्तराखंड: बूढ़ा केदार के तिनगढ़ गांव में भूस्खलन, समय रहते गांव हुआ खाली

Published by
दिनेश मानसेरा

देहरादून: उत्तराखंड में पिछले चार दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से जगह-जगह भूस्खलन की घटनाओं से स्थानीय लोग दहशत में है, टिहरी जिले में बाद फटने और भूस्खलन की घटना के बाद बूढ़ा केदार क्षेत्र में दहशत है।

उत्तराखंड में टिहरी के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में शनिवार को भूस्खलन ने तबाही मचा दी। गनीमत रही कि आपदा ग्रस्त तिनगढ़ गांव को समय रहते खाली करा दिया गया था। जिससे वहां बड़ी जनहानि होने से बच गई। वहां गांव में 50 परिवार थे जिन्हें समय रहते राहत शिविर में शिफ्ट कर दिया। इस गांव में पहाड़ियां के ऊपर बादल फटने के दौरान जल स्रोतों में पानी एकत्र हो कर रौद्र रूप लेकर बहने की खबर को गांव वासियों ने स्वयं ही आने वाली आपदा का संकेत समझ लिया था। तिनगढ ग्राम के पक्के मकान, भूस्खलन के दौरान आए मलबे में ताश के पत्तो की तरह समा गए, पहाड़ियों की ढलान पर आता हुआ पानी का मलबा अपने साथ स्थानीय लोगों की जिंदगी भर की कमाई को अपने साथ ले गया।

इसे भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस: उत्तराखंड में बाघों के संरक्षण के सकारात्मक परिणाम, प्रदेश में बाघों संख्या बढ़कर हुई 560

इसी गांव के पास एक अन्य आपदा प्रभावित क्षेत्र के ग्राम तोली में हुए भूस्खलन की चपेट में आने से एक कमरे में सो रही मां-बेटी की मलबे में दबकर मौत होने पर राहत एवं बचाव टीम मौके पर गई थी। तिनगढ़ गांव के 12 से 15 आवासीय मकान करीब सौ मीटर ऊपर से आए मलबे की चपेट में आकर दब गए। स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि समय रहते मकान खाली नहीं कराए गए होते तो बड़ी जनहानी हो सकती थी तिनगढ़ में करीब 15 मकान मलबे में दब गए है।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों का अवलोकन करने पहुंचे टिहरी जिले के प्रभारी मंत्री और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा है की सरकार सुरक्षित इलाकों में लोगों को शिफ्ट करेगी वो निरीक्षण कर लौट आए है और अधिकारियों को निर्देश दिए गए है। बहरहाल इस तिनगढ़ गांव के दृश्य कुछ ऐसे हैं कि यहां तबाही का मंजर दूर-दूर तक दिखलाई दे रहा है, अभी भी पीछे की ऊंची पहाड़ियों के ढलान से पानी और मलबा आता दिखाई दे रहा है, ग्रामीण लोग अपने ध्वस्त घरों के मलबे से अपने सामान को खोज रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड हिमालय की अनाम चोटियां अब दिवंगत पर्वतारोहियों के नाम से, NIM ने इन्हें किया था फतह

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस प्राकृतिक आपदा पर अफसोस जाहिर करते हुए, डीएम टिहरी से स्थानीय लोगों के पुनर्वास के लिए नई जगह ढूंढने और उन्हें बसाने के काम को युद्ध स्तर पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

Share
Leave a Comment