पेरिस में आयोजित हो रहे ओलंपिक्स प्रतिस्पर्धा के उद्घाटन समारोह में जिस प्रकार वोक कल्चर को बढ़ावा देते हुए डांस हुए और जिस प्रकार ईसामसीह के “लास्ट सपर” अर्थात “अंतिम भोज” का मजाक उड़ाया गया, उससे पूरे विश्व में समिति की आलोचना हुई। लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करके आलोचना की। और यह भी प्रश्न किये कि क्या ऐसा बर्ताव वे इस्लाम के साथ कर सकते हैं? इसके बाद जिन लोगों ने एक्स पर उद्घाटन समारोह के वीडियो साझा किये थे, उनके वीडियो कॉपी राइट के कारण हटा दिए गए।
उसके बाद ओलंपिक्स के आधिकारिक यूट्यूब चैनल से भी उद्घाटन समारोह का वीडियो डिलीट कर दिया गया है। उस चैनल पर लंदन और बीजिंग ओलंपिक्स के उद्घाटन समारोह आदि के वीडियो मौजूद हैं, मगर पेरिस 2024 उद्घाटन समारोह का वीडियो उपलब्ध नहीं हैं।
इस बार के ओलंपिक्स खेलों के उद्घाटन समारोह के आयोजन को सबसे बुरा आयोजन बताया जा रहा है। लोगों की प्रतिक्रियाएं अभी तक आ रही हैं। अब लोग इस नोटिफिकेशन का पोस्ट कर रहे हैं कि इस वीडियो को डिलीट कर दिया गया है। हालांकि इसका कोई कारण कहीं से भी नहीं दिया जा रहा है कि आखिर यह क्यों डिलीट किया गया? क्या इसे यूट्यूब ने हटाया है या फिर ओलंपिक्स ने खुद ही इस वीडियो को हटाया है?
इसे ईसाइयत पर अपमान बताते हुए अभी तक लोग पोस्ट कर रहे हैं। अब इसी बात को लेकर एलन मस्क ने लिखा कि “यदि सही और निष्पक्षता के लिए खड़े होने के लिए पर्याप्त वीरता नहीं आएगी, तो ईसाइयत समाप्त हो जाएगी!”
Unless there is more bravery to stand up for what is fair and right, Christianity will perish
— Elon Musk (@elonmusk) July 27, 2024
यहाँ तक कि फ्रांस के घरों के भी वीडियो सामने आए, जिनमें आम लोग हैरान हो रहे थे कि आखिर ऐसा क्यों हो गया है? आखिर ईसामसीह का अपमान क्यों किया गया है? अब इसे लेकर ओलंपिक्स के स्पॉन्सर्स भी अपने कदम वापस ले रहे हैं। टेलीकम्यूनिकेशन कंपनी सी स्पायर ने ओलंपिक्स से अपने सभी विज्ञापन वापस ले लिए हैं। सी स्पायर अमेरिका में छठवीं सबसे बड़ी वायरलेस प्रोवाइडर है। सी स्पायर ने एक्स पर अपने इस निर्णय के विषय मे लिखा कि वे उद्घाटन समारोह में लास्ट सपर के मजाक से बहुत दुखी हैं। सी स्पायर अपने सभी विज्ञापन ओलंपिक्स से वापस ले रहा है
We were shocked by the mockery of the Last Supper during the opening ceremonies of the Paris Olympics. C Spire will be pulling our advertising from the Olympics.
— C Spire (@CSpire) July 27, 2024
स्पॉन्सर्स को लेकर भी लोगों में क्रोध है और लोग चाह रहे हैं कि कंपनियां अपने हाथ इससे खींच लें। वहीं ओलंपिक्स को लेकर विवाद जारी हैं। चर्चों के प्रतिनिधि भी मीडिया में आकर अपना असंतोष व्यक्त कर रहे हैं। जहां ईसाई धर्म के अपमान पर लोगों में गुस्सा है, वहीं लोगों के वोकिज़्म के खिलाफ भी गुस्सा है।
उठ रहे ये प्रश्न
यह प्रश्न उठना स्वाभाविक ही है कि आखिर किसी खेल प्रतिस्पर्धा में किसी पंथ का अपमान क्यों करना? परंतु यह भी बात सत्य है कि कई लोग सोशल मीडिया जब यह प्रश्न उठाते हैं कि क्या ऐसा कुछ “किसी अन्य धर्म” के साथ किया जा सकता है? तो उनका संकेत इस्लाम की ओर ही होना चाहिए, क्योंकि शार्ली हेब्दो के कार्यालय पर हमला इसी कारण हुआ था, क्योंकि उन्होनें बेअदबी की थी। और पाकिस्तान में तो बेअदबी को लेकर जो होता है, वह सोशल मीडिया पर सामने आता ही रहता है। और यह भी सत्य है कि हिन्दू धर्म तो इस तिरस्कार और अपमान का न जाने कब से शिकार हो रहा है। हिन्दू धर्म के देवी देवताओं एवं हिंदुओं के धार्मिक प्रतीकों का अपमान तो एक्स पर ही होता है, परंतु विरोध के स्वर जो एलन मस्क ने अभी दिखाए हैं, वह हिन्दू धर्म के प्रतीकों या देवी देवताओं के लिए नहीं उठते हैं।
हिंन्दू धर्म में भी एकजुटता जरूरी
यह भी सत्य है कि अब हो सकता है कि इस बात पर सार्थक बहस हो कि आस्था सभी की होती है और किसी भी आस्था छोटी-बड़ी नहीं होती। ईसाई मत के अपमान पर जिस प्रकार लोग एकजुट हुए हैं और आस्था के अपमान का प्रश्न आ रहा है, वैसी ही एकजुटता हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं और प्रतीकों को लेकर होनी चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि यदि हिन्दू अपने देवी देवताओं और धार्मिक प्रतीकों का आदर करे तो उसे सांप्रदायिक कहा जाए।
हालांकि रानी मैरी एंटोनेट के जिस कटे सिर वाले डांस को लेकर लोग गुस्सा थे तो वहीं मीडिया के अनुसार कुछ फ्रांसीसी लोगों ने इसे शानदार कहा। कहा जाता है कि यह प्रतिस्पर्धा ग्रीस से आरंभ हुई थी। सोशल मीडिया पर ग्रीस के यूजर्स यह कह रहे हैं कि ओलंपिक्स गेम्स वापस उसके घर भेज दिए जाएं। फ्रांस, आप बेहूदे, अपमान करने वाले और खतरनाक हो।
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