बरेली। मॉब लिचिंग यानी भीड़ हिंसा को राजनीति के सूरमा शायद अलग-अलग तस्वीरों में तोलते हैं। ऐसा न होता तो बरेली कांड पर यूपी विधानसभा से लेकर देश की संसद तक सभी दल मुस्लिम भीड़ के हाथों मारे गए सीधे-सादे तेजराम की मौत पर वेदना-संवेदना का ज्वार उठाते और पीड़ित परिवार की मदद में मिलकर हाथ आगे बढ़ाते। मरने वाला हिन्दू था और हिंसक भीड़ में शामिल सभी मुसलमान। इसलिए, कांग्रेस-समाजवादी पार्टी मौन होकर बैठ गए हैं। बरेली कांड पर योगी राज की पुलिस जरूर सख्त दिखाई दे रही है। मॉब लिंचिंग में शामिल बख्तावर फकीर सहित उसकी हिंसक टोली में शामिल हमलावरों पर लगातार कार्रवाई जारी है।
अब तक 43 गिरफ्तार, फरार हमलावरों पर इनाम, घरों पर चला बुलडोजर
बरेली में पिछले दिनों मोहर्रम के बाद हिन्दू परिवारों को निशाना बनाकर की गई भीड़ हिंसा में शामिल कट्टरपंथियों की हिंसक भीड़ में शामिल रहे अफसर अली, इमरान, मुख्तयार अली, अब्दुल सलाम, इरफान, जीशान अली, नासीर, हसनैन, असगर, दिलशाद, राशिद, हसनैन, बख्तावर, मुस्तफा अहमद, गुड्डू, राशिद, फईम, यूसुफ, मो। हनीफ, महबूब, तसलीम, कादर अली, आसिफ, हनीफ, समीर, रेहान, फारूख अली, मो। नसीम, रेहान, असफाक, असलम, उवैश, आलमगीर, निजाकत, आसिफ, यासीन उर्फ आसीन शाह, उमर, निसार अली, रियासत, इसरार अहमद, नाजिम, बुंदन बख्श, हासिम सहित 43 हमलावरों को बरेली पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। मॉब लिंचिंग में शामिल आलमगीर पुलिस की गोली लगने के बाद पकड़ में आ सका। गिरफ्तार हमलावरों में बख्तावर पीआरडी का जवान है, जिसे सस्पेंड किया जा चुका है।
भीड़ हिंसा का मास्टर माइंड पीआरडी जवान बख्तावर पहुंचा सलाखों के पीछे
बरेली में शाही थाना क्षेत्र के हिन्दू बहुल गौसगंज गांव में मोहर्रम के बाद हिन्दू महिलाओं से छेड़छाड़ के विरोध पर की गई भीड़ हिंसा के मामले में 50 नामजद सहित कई अज्ञात के खिलाफ पीड़ित हिन्दू पक्ष की ओर से एफआईआर दर्ज की गई थी। संप्रदायिक बवाल करने के मामले में पुलिस ने भी 75 हमलावरों पर अलग से केस दर्ज किया था। एसएसपी बरेली अनुराग आर्य ने हमलावरों की गिरफ्तारी को पुलिस की गई टीमें जुटाई थीं। पुलिस के स्तर से घटना में शामिल हमलावरों पर तेजी से कार्रवाई होती नजर आ रही है। ग्राम समाज की जमीनों पर कब्जा कर अवैध निर्माण करने वाले हमलावर पीआरडी जवान बख्तावर के अलावा इशारत, मुकीम, यासीन, युसूफ, इश्तियाक और अशफाक समेत कई के घरों पर बरेली प्रशासन का बुलडोजर भी गरज चुका है और अवैध निर्माण ध्वस्त किए जा चुके हैं। गौसगंज कांड में पुलिस एक्शन का नेतृत्व कर रहे एसपी साउथ मानुष पारीक का कहना है कि कोई भी दोषी कार्रवाई से बच नहीं सकेगा। पुलिस तेजी से अपना काम कर रही है। हमलावरों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि गौसगंज गांव में हुई भीड़ हिंसा का मास्टर माइंड बख्तावर पीआरडी जवान है। वर्दी का रौव गांठकर वह लोगों में लगातार दहशत फैलाता रहा है। अपने समुदाय के कुछ पुलिसकर्मियों से उसकी सांठगांठ होने की बात सामने आई है, जो उसके कहने पर लोगों का उत्पीड़न करते थे। ऐसे पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
मुस्लिम आबादी सिर्फ 25 फीसदी, फिर भी गांव में हिन्दुओं का जीना दूभर
बरेली में थाना शाही क्षेत्र के जिस गौसगंज गांव में पिछले दिनों मोहर्रम के बाद भीड़ हिंसा की घटना हुई थी, वहां 75 फीसदी से ज्यादा हिन्दू आबादी है। हिन्दू परिवारों में अधिकांश सीधे-सादे लोध-किसान समाज से आते हैं और खेती कर अपनी गुजर-बसर करते हैं। बाकी की 25 फीसदी आबादी मुस्लिम की है। संख्या कम होने के बाद भी मुस्लिम समुदाय के लोग गांव में हिन्दुओं का जीना मुश्किल किए हैं। मोहर्रम के बाद 17 जुलाई की रात गौसगंज में हिन्दू परिवारों को निशाना बनाकर की गई भीड़ हिंसा उसी पीड़ा का सच सामने लाने वाली है। पीड़ित हिन्दू परिवार बताते हैं कि उस रात मुस्लिम पक्ष के लोग मुहर्रम का जुलूस निकाल रहे थे। गांव में हिन्दू आस्था के केन्द्र मंदिर के सामने जुलूस में ढोल बजाया जा रहा था तो हिन्दू परिवारों ने नई परंपरा डाल रहे मुस्लिम पक्ष के लोगों से इसका विरोध किया था।
महिलाओं से छेड़छाड़ के विरोध किया तो रात में हिन्दुओं पर टूटी हिंसक भीड़
बस इतनी सी बात पर मुस्लिम समुदाय के घर घर से हिंसक भीड़ जमा हुई और हिन्दुओं पर हमला बोल दिया। भीड़ हिंसा की शुरूआत हिन्दू महिलाओं से छेड़छाड से की गई। विरोध होते ही हिंसा का तांडव कर दिया गया। जो भी हिन्दू सामने आया, उसको पीट-पीटकर अधमरा कर दिया गया। हिंसक भीड़ पूर्व प्रधान के बेटे तेजराम को घर के सामने से खींच ले गई और उसे मरणासन्न हालत में कर फेंक दिया। मुस्लिम भीड़ के हाथों गंभीर घायल हुए तेजराम की बाद में अस्पताल में मौत हो गई थी। पुलिस को घटना की सीसीटीवी फुटेज भी मिली है, जिसमें भीड़ हिंसा साफ देखी जा सकती है। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने मामले में धारा 103 (2) भी बढ़ा है। नए कानून में इस धारा के तहत तब कार्रवाई की जाती है, जब किसी धार्मिक मामले में पांच या ज्यादा लोग किसी की हत्या कर दें।
मॉब लिचिंग का शिकार तेजराम हिन्दू न होता तो कैसा होता विपक्ष का विलाप ?
बरेली के गौसगंज गांव में हिंसक मुस्लिम भीड़ के हाथों मारे गया तेजराम गांव के पूर्व प्रधान हीरालाल लोधी का बेटा था। किसी विवाद से उसका कभी दूर-दूर तक नाता नहीं था। पीड़ित परिवार का कहना है कि अपने फायदे के लिए मुस्लिम मोह दिखाने वाली सपा, कांग्रेस, बसपा जैसी पार्टियों ने हमारे तेजराम की मौत पर एक शब्द भी संवेदना का नहीं बोला है। जैसे उनके लिए हमारा हिन्दू होना ही गुनाह है। घटना की जानकारी होते ही बरेली के क्षेत्रीय भाजपा सांसद छत्रपाल गंगवार, विधायक डा. डीसी वर्मा गांव पहुंच गए थे और पीड़ित परिवार को हर संभव मदद के साथ दोषियों पर प्रभावी कार्रवाई का भरोसा दिया था। भाजपा, विहिप, हिन्दू जागरण मंच और बजरंग दल के पदाधिकारी घटना के बाद से लगातार परिवार के संपर्क में हैं, लेकिन विपक्षी दलों का एक कार्यकर्ता भी पीड़ित हिन्दू परिवारों की बात पूछने तक नहीं पहुंचा है। वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म x पर लिखा कि नैरेटिव की लड़ाई हार रहा है हिन्दू! बरेली में तेजराम को जिहादियों की भीड़ घर से खींच कर ले गई और मस्जिद के अंदर उसे लिंच करके मार दिया। लेकिन ये खबर मोहर्रम के बवाल के रूप में दिखेगी, बुलडोजर चला के रूप में दिखेगी। लेकिन एक हिन्दू तेजराम की मस्जिद में लिंचिंग की खबर कहीं नहीं मिलेगी।
हिन्दू संगठनों की मांग, तेजराम के परिवार को मिले सरकारी नौकरी-मुआवजा
तेजराम की हत्या के बाद से बरेली के गौसगंज गांव में तनावूर्ण शांति है। पुलिस की कार्रवाई के डर से हमलावर फरार घरों पर ताले डालकर गायब हो लिए हैं। सुरक्षा कारणों से गांव में फोर्स की तैनाती अब भी जारी है। दूसरी ओर, भीड़ हिंसा में मारे गए युवक तेजराम वर्मा के परिवार को सरकारी नौकरी और मुआवजा की मांग बरेली के हिन्दू संगठन जोरशोर से उठा रहे हैं। विहिप नेता हिमांशु पटेल ने कहा कि पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए भीड़ हिंसा में शामिल मुस्लिम पक्ष के 43 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। तेजराम की मौत से उसका परिवार उजड़ गया। परिवार को आर्थिक मदद के साथ सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए, ताकि उनकी रोजी-रोटी चल सके। उन्होंने कहा कि कुछ दिन गांव में तेजराम का दसवां-तेरहवीं होने वाली है। उस दिन हिन्दू संगठन गांव में जुटेंगे और पीड़ित परिवार को मुआवजे के साथ सरकारी नौकरी की मांग उठाएंगे।
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