बदायूं/ श्रीनगर। कारगिल विजय दिवस के अगले ही दिन पाकिस्तानी बार्डर एक्शन टीम ने दुस्साहसिक रूप से घुसपैठ के इरादे से कश्मीर में भारतीय सैन्य चौकी पर हमला बोल दिया। इस हमले में बदायूं के रहने वाले आर्मी जवान मोहित राठौर बलिदान हो गए। कैप्टन समेत चार जवान घायल भी हुए हैं। मोहित और उनके साथी जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को ढेर भी कर दिया। पिता नत्थू सिंह ने बेटे मोहित के बलिदान पर गर्व करते हुए कहा है कि मोहित ने आतंकी को उसके अंजाम तक पहुंचाने के बाद वीरगति पाई है।
मोहित सिंह यूपी में बदायूं के थाना इस्लामनगर क्षेत्र के गांव सवानगर के रहने वाले थे। सबकी जुबां पर मोहित की बहादुरी के ही चर्चे हैं। सेन्य प्रवक्ता के अनुसार, जवान मोहित राठौर की तैनाती कश्मीर घाटी में कुपवाड़ा के माच्छिल सैक्टर में थी। पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम ने अचानक घुसपैठ कराने के इरादे से भारतीय सेना की चौकी पर हमला कर दिया था। भारतीय जवानों ने दुश्मन के हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया और घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी। इसमें एक आतंकी मारा गया, जबकि उसके दो साथी अंधेरे का लाभ उठाकर पीओके की तरफ भाग गए। सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है और सर्च ऑपरेशन जारी है। सेना के चिनार कोर के प्रवक्ता ने बताया कि खराब मौसम का फायदा उठाकर आतंकी नियंत्रण रेखा पारकर घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। अग्रिम सैन्य चौकी पर पहुंचकर आतंकियों ने ग्रेनेड दागे और गोलियां चलाईं। इसमें कैप्टन सहित दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें श्रीनगर के बेस अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान एक जवान का बलिदान हो गया। प्रवक्ता ने बताया कि बैट में पाकिस्तानी सेना के विशेष बल कर्मी आतंकी शामिल होते हैं।
इधर, जाबांज मोहित राठौर की शहादत की खबर बदायूं में उनके घर पहुंची तो पूरे जिले में शोक व्याप्त हो गया। जिसने सुना, वह उनके घर की ओर दौड़ पड़ा। शहीद जवान के पिता नत्थू सिंह ने बातचीत में कहा कि इकलौते बेटे मोहित राठौर को खोने का गम है, लेकिन वह जाबांज सिपाही थे। गर्व है कि मोहित ने सबसे आगे जाकर एक आतंकवादी को मार गिराया। दो दिन पहले ही मोहित से परिवारवालों की फोन पर बातचीत हुई थी। तीन बहनों के इकलौते भाई मोहित राठौर 2017 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। दो साल पहले उनकी शादी रुचि से हुई थी। गुरुवार को पत्नी से मोहित ने फोन पर बात की थी, तब उन्होंने कहा था कि नवंबर में छुट्टी लेकर घर आएंगे और छोटी बहन पूजा के लिए रिश्ता तय करने बरेली जाएंगे। उन्होंने ने अपनी बहन के लिए फौजी वर देखा था। मोहित के बलिदान से पत्नी रुचि का रो-रोकर बुरा हाल है। दो बहन रजनी और नीतू की शादी हो चुकी है। नीतू के पति उपेन्द्र भी सेना में तैनात हैं।
मोहित के बहनोई उपेन्द्र सिंह ने मीडिया को बताया कि मोहित घातक निशानेबाज थे। इसी साल जनवरी में मोहित जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में 57 आरआर यूनिट में तैनात हुए थे। आतंकियों से मुकाबला करते हुए मोहित को सात गोलियां लगीं। शनिवार देर शाम शहीद मोहित राठौर का पार्थिव शरीर बरेली एयरपोर्ट लाया गया। सुबह बरेली से सेना की यूनिट शहीद का पार्थिक शरीर लेकर उनके पैत्रिक गांव सवानगर, बदायूं रवाना हो रही है, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा। गांव में बड़ी संख्या में लोग उनका इंतजार करते देखे जा रहे हैं।
पश्चिमी यूपी को एक सप्ताह के अंदर सुनने को मिली दूसरी मनहूस खबर
पश्चिमी यूपी के दो जवान एक सप्ताह में देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए हैं। पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हुई आतंकियों से मुठभेड़ में हाथरस के जवान सुभाष चंद्र ने शहादत पाई थी। हाथरस में सादाबाद तहसील के सहपऊ ब्लॉक के नगला मनी गांव निवासी जवान सुभाष चंद्र माथुरा प्रसाद के बेटे थे। सुभाष चंद्र राजौरी में 7 जाट रेजीमेंट में तैनात थे। राजौरी में हुए आतंकियों से मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया था। इस दौरान कई जवान भी शहीद हो गए थे, जिनमें सुभाष चंद भी शामिल थे। सुभाष 2016 में सेना में भर्ती हुए थे। वह 16 जुलाई को ही छुट्टी से ड्यूटी पूरी करके पर लौटे थे। शहीद सुभाष चंद्र का पार्थिव शरीर जब बीते गुरुवार को उनके गांव लाया गया तो अंतिम दर्शन करने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। सैनिक सम्मान के साथ उन्हें अंतिम सलामी दी गई। भाई बलदेव ने चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान शहीद का मां ने कहा कि उनका बेटा पूरे देश का बेटा था और उन्हें बेटे सुभाष पर गर्व है।
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