गुवाहाटी, (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को घोषणा की कि असम के अधिकांश अग्निवीरों को असम पुलिस में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक्स पर कहा कि भारत यह सुनिश्चित करेगा कि अग्निपथ योजना पर झूठ फैलाकर भारतीय सेना को कमजोर करने का विपक्षी दलों को मिशन विफल हो। असम सरकार ने राज्य के अधिकांश अग्निवीरों को असम पुलिस में शामिल करने का फैसला किया है। असम राज्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आधुनिकीकरण के प्रयासों के साथ मजबूती से खड़ा है।
राजस्थान में भी मिलेगा आरक्षण
सेना के अग्निवीरों को राजस्थान में भी आरक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कारगिल विजय दिवस रजत जयंती के अवसर पर इसकी घोषणा की। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि सेना के अग्निवीरों को राजस्थान पुलिस, वनरक्षक और जेल प्रहरी की भर्ती में आरक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अब जल्द ही यह भी तय होगा कि इन भर्तियों में कितना प्रतिशत आरक्षण अग्निवीरों को मिलेगा। कारगिल विजय दिवस पर पांच राज्यों की भाजपा सरकारों ने अग्निवीरों को नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया। राजस्थान के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में पुलिस सेवा और पीएसी, मध्यप्रदेश में पुलिस और सशस्त्र बल, छत्तीसगढ़ में पुलिस और वनरक्षक भर्ती, ओडिशा में पुलिस भर्ती और उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
2022 में अग्निपथ स्कीम लॉन्च की थी
सरकार ने 2022 में अग्निपथ स्कीम लॉन्च की थी। इसके तहत आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में चार साल के लिए नौजवानों को कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाता है। चार साल में छह महीने की ट्रेनिंग भी शामिल है। चार साल बाद अग्निवीरों को उनकी कार्यक्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी। इसी मेरिट के आधार पर 25 फीसदी अग्निवीरों को परमानेंट सर्विस में लिया जाएगा।
भाजपा शासित राज्यों में आरक्षण
भाजपा शासित अधिकांश राज्यों ने अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने की घोषणा की है। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान शामिल हैं। इस फैसले से अग्निवीरों को भविष्य मे नौकरी की सुरक्षा मिलेगी। ज्यादातर राज्यों में यह आरक्षण 10 प्रतिशत है।
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