उत्तर प्रदेश में शहरों का नाम उनके असली नाम पर रखने को लेकर रोना रोने वाली कांग्रेस खुद कर्नाटक में ही ऐसा करने लगी है। इसी क्रम में रामनगर जिले का नाम बदलने के प्रस्तावों को राज्य की सिद्धारमैया सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसको लेकर राज्य के मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने एलान किया है। हालांकि, कांग्रेस सरकार के इस फैसले का तेजी से विरोध हो रहा है।
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इसी क्रम में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी कर्नाटक सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान राम की परंपरा, सनातन की परंपरा को ध्यान में रखकर नाम को बदलते हैं। लेकिन वो लोग (कर्नाटक सरकार) अपने फायदे के हिसाब से अपना नाम बदलते हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग सनातन धर्म विरोधी करार देते हुए कहा कि इन्हें राम का नाम अच्छा नहीं लगता। मैं उनकी कड़ी निंदा करता हूं।
वहीं सिद्धारमैया सरकार के फैसले का भाजपा ने भी कड़ा विरोध किया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार इस समय मैसुरू शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) जैसे कई घोटालों में फंसी हुई है। बावजूद इसके कांग्रेस लोगों की समस्याओं को सुनने की जगह रामनगर जिले का नाम बदलने की कोशिशों में लगी हुई है।
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क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि पिछले दिनों कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने बेंगलुरू से सटे रामनगर जिले का नाम बदलने को लेकर राज्य के विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था। इसको लेकर शिवकुमार ने कहा था कि जिला नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने रामनगर जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा था, ‘रामनगर, चन्नापटना, मगदी, कनकपुरा, हारोहल्ली तालुकों के भविष्य और विकास को ध्यान में रखते हुए, उनके नेतृत्व में जिला नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को रामानगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण जिला करने का प्रस्ताव दिया है।’
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