नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आज मीटिंग होने जा रही है। जिसको लेकर कांग्रेस की अगुवाई वाला इंडिया गठबंधन लगातार विपक्षी मुख्यमंत्रियों को इस मीटिंग में शामिल होने से रोकने की कोशिशें कर रहा है। ताकि सरकार को मुश्किल में डाला जा सके। लेकिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस को करारा झटका दिया है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, पता चला है कि ममता बनर्जी और हेमंत सोरेन ने फैसला किया है कि वो नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगे और बजटीय आवंटन सहित केंद्र द्वारा राज्यों से भेदभाव के मुद्दे को उठाना चाहते हैं। हालांकि, कांग्रेस ने इसका बहिष्कार करने का फैसला किया है। हालांकि, अभी तक हेमंत सोरेन ने इसको लेकर कोई बयान नहीं आया है, लेकिन दिल्ली के अपने पिछले दौरे के दौरान उन्होंने ये कहा था कि वो राज्य के मुद्दे नीति आयोग की बैठक में उठाएंगे।
बताया जाता है कि आज होने वाली नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए विकसित भारत 2047 दस्तावेज पर चर्चा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि नीति आयोग की बैठक में पेयजल की पहुंच, मात्रा और गुणवत्ता, बिजली की गुणवत्ता, एफिशिएंशी और विश्वसनीयता, सामर्थ्य की गुणवत्ता, भूमि और संपत्ति की पहुंच, स्कूली शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता, डिजिटलीकरण, रजिस्ट्रेशन और म्युटेशन के मुद्दे, सामर्थ्य और देखभाल की गुणवत्ता समेत अनेकों मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
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इस बीच इंडिया गठबंधन में शामिल विपक्षी दलों ने ऐलान किया है कि वो शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। जिन राज्यों के मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं, उनमें केरल, पंजाब, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं।
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