तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले से हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है। जहां, बेशर्मी की हद को पार करते हुए एक वकील ने मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की और मांग की कि वेश्यालय चलाने के लिए अदालत से संरक्षण की मांग की। ताकि पुलिस उसके खिलाफ कोई एक्शन न ले।
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क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि कन्याकुमारी के नागरकोइल इलाके के रहने वाले याचिकाकर्ता वकील एडवोकेट राजा मुरुगन ने मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की। उसमें उसने बताया कि वो एक ट्रस्ट के जरिए नागरकोइल में एक वेश्यालय चला रहा है। अपनी याचिका में उसने मांग की कि पुलिस की कार्यवाही से बचने के लिए संरक्षण दे। इस मामले की सुनवाई मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने की। पीठ के जस्टिस पुगलेंधी इस अर्जी पर सुनवाई के दौरान भड़क गए। उन्होंने वकील को कड़ी फटकार लगाते हुए उस पर 10,000 रुपए का जुर्माना ठोंक दिया। इसके साथ ही उसकी अर्जी को भी खारिज कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट ने वकील के साहस पर भी आश्चर्य जताया कि एक वकील ने ये दावा किया कि वो एक वेश्यालय चला रहा है। वो फ्रेंड्स फॉरेवर ट्रस्ट का संस्थापक है। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, वकील एस मुरुगन के इस ट्रस्ट का मुख्य उद्येश्य अपने सदस्यों और ग्राहकों को फुल बॉडी मसाज, सेक्स संबंधी सेवाओं जैसी संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देना है। वकील ने बताया कि उसके ट्रस्ट में स्वेच्छा से सेक्स वर्कर्स अपनी इच्छा से जुड़ी हुई हैं। वकील मुरुगन ने स्थानीय पुलिस पर भी उसके ट्रस्ट पर छापा मारकर उसके काम में बाधा डाली।
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बार काउंसिल को भी दिया निर्देश
जस्टिस बी पुगलेंधी वकील को कड़ी फटकार लगाते हुए बार काउंसिल को भी ये निर्देश दिया है कि अब वक्त आ गया है कि बार काउंसिल ये समाज वकीलों की प्रतिष्ठा में तेजी से हो रही इस गिरावट पर ध्यान दें। इसके साथ ही बार काउंसिल को वकील की डिग्री की जांच करने और उसकी वकालत को निलंबित करने का आदेश दिया है।
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