इंदौर शहर कई क्षेत्रों में पहल कर एक नई पहचान बना चुका है। अब पौधारोपण के क्षेत्र में भी वह अपनी एक विशेष पहचान स्थापित करने में सफल हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पौधारोपण को जनांदोलन बनाते हुए देश की जनता से एक पौधा अपनी मां के नाम से रोपने का आह्वान किया है। इस आंदोलन को अमली जामा पहनाते हुए 14 जुलाई को इंदौर में 12 घंटे से भी कम समय में 11 लाख पौधे रोपे गए, जिसे गिनीज रिकॉर्ड द्वारा एक विश्व कीर्तिमान घोषित किया गया है। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित थे। इंदौर के शीर्ष भाजपा नेता एवं मध्य प्रदेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा शहर में 51 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके पूर्व 2002 से ही इंदौर में पौधारोपण को लेकर विशेष पहल शुरू हो चुकी थी। तत्कालीन महापौर के रूप में कैलाश विजयवर्गीय ने एक वृहद् पौधारोपण योजना बनाई थी। इसके अंतर्गत इंदौर हवाईअड्डे से मात्र तीन किमी की दूरी पर स्थित धरम टेकरी नामक स्थान को चिन्हित किया गया था। यहां वृहद् स्तर पर पौधारोपण किया गया और जनता को भी प्रेरित किया गया कि यहां पर अपने पूर्वजों की स्मृति में पौधारोपण करें।
इसी से जोड़ते हुए इस स्थान का नाम परिवर्तित कर ‘पितृ पर्वत’ कर दिया गया। यह व्यवस्था भी की गई है कि रोपे गए पौधों का रखरखाव नगर निगम करेगा। इसके बाद तो पितृ पर्वत पर पौधारोपण एक नियमित कार्य हो गया है। आम लोगों के साथ ही विशिष्टजन भी यहां अपने पूर्वजों के नाम से पौधारोपण करते हैं। अब तक यहां लाखों पेड़ लगाए जा चुके हैं।
इसके साथ ही यहां हनुमान जी की देश की सबसे बड़ी मूर्ति स्थापित की गई है। इसके लिए 125 विशेष कारीगरों ने अष्टधातु की 108 टन वजन की हनुमान जी की इस विशाल मूर्ति का निर्माण किया। बैठे हुए हनुमान जी की इस 72 फीट ऊंची मूर्ति को बनने में सात वर्ष लगे। अत्यंत आकर्षक सुनहरे रंग की यह मूर्ति आज शहर की प्रमुख पहचान बन चुकी है। पितृ पर्वत पर स्थित इस भव्य मूर्ति को पितरेश्वर हनुमान जी के नाम से जाना जाता है।
बीस वर्ष पूर्व पितृ पर्वत पर रोपे गए हजारों पौधे आज घने छायादार वृक्ष बन चुके हैं। प्रशासन ने ‘लाइट एंड साउंड’ कार्यक्रम के माध्यम से इस स्थान के आकर्षण को और बढ़ा दिया है। आज हजारों लोग यहां दर्शन हेतु आते हैं। पर्यावरण पर वृक्षों का प्रभाव यहां सहज ही अनुभव किया जा सकता है। भरी गर्मी में जब पूरा शहर तपता है, पितृ पर्वत पर तापमान कम रहता है। हरे-भरे वृक्षों से आच्छादित यहां की शीतलता और सुकून आनंद से भर देते हैं, वहीं हनुमान जी की विशाल मूर्ति भक्तों में असीम ऊर्जा भरती है।
देश के सबसे स्वच्छ शहर के सम्मान से लगातार सात बार सम्मानित इंदौर अब पर्यावरण के क्षेत्र में भी अपना विशिष्ट स्थान बना कर उदाहरण बनने की ओर अग्रसर है। अपने उत्कृष्ट कचरा निपटान प्रबंधन के चलते शहर के वातावरण में पहले ही उल्लेखनीय सुधार हो चुका है। पौधारोपण की यह वृहद् योजना निश्चित ही शहर को और सुंदर बनाएगी और बढ़ते तापमान से राहत दिलाएगी।
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