नई दिल्ली, (हि.स.)। लोकसभा में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू और पंजाब से कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के बीच वाद-विवाद हो गया और दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की। इसके बाद हंगामा बढ़ते देख कार्यवाही को थोड़ी देर तक स्थगित कर दिया गया।
लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान लोकसभा सदस्य चरणजीत सिंह चन्नी ने केन्द्र सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की कोशिश की। उन्होंने इस दौरान कांग्रेस में अपने पूर्व साथी और वर्तमान में भाजपा नेता एवं केन्द्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू पर व्यक्तिगत आक्षेप किए। इसके जवाब में बिट्टू ने भी भ्रष्टाचार और अन्य विषयों पर उनपर व्यक्तिगत आरोप लगाये। मामला तनातनी तक पहुंच गया।
चरणजीत सिंह चन्नी ने आरोप लगाया कि देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति है। अपने भाषण में उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की रिहाई तक की मांग की। अमृतपाल सिंह इस समय खंडूर सिंह साहिब लोकसभा सीट से सांसद है और असम की जेल में बंद हैं।
चन्नी ने बिट्टू के शहीद दादा का भी नाम लिया और टिप्पणी की। इसके जवाब में बिट्टू ने कहा कि उनके दादाजी सरदार बेअंत सिंह ने देश के लिए कुर्बानी दी थी। कांग्रेस के लिए नहीं दी थी। इसके बाद बिट्टू ने चन्नी के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियां की।
इससे पहले भी चरणजीत सिंह चन्नी के भाषण के दौरान दो केन्द्रीय मंत्रियों ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने सदन में कहा था कि सरकार ने किसानों को एमएसपी देने का वादा किया था। इस पर पीयूष गोयल ने आपत्ति जताई और कहा कि उन्हें अपनी बात को सत्यापित करना चाहिए। बाद में यही बात संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने भी दोहरायी।
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