जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने चेनाब नदी में डूबे भारत के 20 वर्षीय युवक के शव को बरामद करने के प्रयास पर स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने केस दर्ज करते हुए कोर्ट बनाम भारत संघ बनाम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को नोटिस जारी किया है। इस मामले में भारत के उप महाधिवक्ता विशाल शर्मा को हाईकोर्ट ने एक सप्ताह का समय दिया है।
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मामले की सुनवाई जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ताशी राबस्तान और जस्टिस राजेश ओसवाल की पीठ ने की। दरअसल, इस मामले में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई थी। इसमें मृतक युवक 20 हर्ष नागोत्रा के माता-पिता ने अपनी याचिका में रहस्यमय परिस्थितियों में उनका बेटा चेनाब नदी में डूब गया था और बाद में उसका शव पाकिस्तान में मिला।
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हालांकि, हाई कोर्ट ने उनकी जनहित याचिका को खारिज कर दिया था, लेकिन बाद में उनकी दलीलों को ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान ले लिया। हर्ष के माता-पिता ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया है कि एक निर्देश पारित कर उनके बेटे के शव को पाकिस्तान से वापस लाया जाए, ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके। हाई कोर्ट ने कहा कि वो मामले में स्वत: संज्ञान ले रहा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।
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