नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कृषि और कृषि से संबधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए। वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के महत्व पर जोर देते हुए घोषणा की कि अनुसंधान और विकास पहलों के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जाएगा, विशेष रूप से दालों और तिलहनों के उत्पादन, भंडारण और विपणन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “हम उनके उत्पादन, भंडारण और विपणन को मजबूत करेंगे।” इस पहल का उद्देश्य सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों में “आत्मनिर्भरता” हासिल करना है। उन्होंने कहा, “अंतरिम बजट में की गई घोषणा के अनुसार सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों के लिए “आत्मनिर्भरता” हासिल करने की रणनीति बनाई गई है।”
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, सब्जियों की आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ाने के लिए बजट में प्रमुख उपभोग केंद्रों के पास सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर विकसित करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा, “सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर प्रमुख उपभोग केंद्रों के करीब विकसित किए जाएंगे। हम संग्रह, भंडारण और विपणन सहित सब्जियों की आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए किसान उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों और स्टार्टअप को बढ़ावा देंगे।
सीतारमण ने कहा, कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की सुविधा के लिए तीन साल की योजना की घोषणा की, जिसका उद्देश्य किसानों और उनकी भूमि को व्यापक रूप से कवर करना है। हमारी सरकार 3 साल में किसानों और उनकी भूमि को कवर करने के लिए कृषि में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की सुविधा प्रदान करेगी। इस वर्ष के दौरान खरीफ के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण 400 जिलों में किया जाएगा। छह करोड़ किसानों और उनकी भूमि का विवरण किसान और भूमि रजिस्ट्री में लाया जाएगा। पांच राज्यों में किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की सुविधा दी जाएगी। जिसमें जलीय कृषि के तहत बजट में झींगा पालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। झींगा पालन और निर्यात के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा प्रदान की जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि सहकारी क्षेत्र के व्यवस्थित और सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक नई राष्ट्रीय सहयोग नीति पेश की जाएगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को तेजी से आगे बढ़ाना और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना नीति का लक्ष्य होगा। इस नीति का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को तेजी से आगे बढ़ाना और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करना है।
केंद्रीय बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान
सीतारमण ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि अभी भी शानदार अपवाद बनी हुई है। ये आने वाले साल में भी ऐसी ही रहेगी। उन्होंने कहा कि भारत की मुद्रास्फीति कम और स्थिर बनी हुई है, जो चार फीसदी के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। वित्तमंत्री ने कहा कि मुझे 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 5 सालों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 5 योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। इस वर्ष हमने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सीतारमण ने कहा कि जैसा कि अंतरिम बजट में उल्लेख किया गया है, हमें चार अलग-अलग जातियों, गरीब, महिला, युवा और किसान पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। किसानों के लिए, हमने सभी प्रमुख फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की है, जो लागत से कम से कम 50 फीसदी मार्जिन के वादे को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया गया, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में सरकारी की नौ प्राथमिकताएं हैं, जिनमें खेती में उत्पादकता, रोजगार और क्षमता विकास, समग्र मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, अधोसरंचना, नवाचार, शोध और विकास और अगली पीढ़ी के सुधार शामिल है।
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