बस्तर के साथ हुआ अन्याय
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

बस्तर के साथ हुआ अन्याय

‘सुशासन संवाद : छत्तीसगढ़’ में एक सत्र था-अरण्यकांड। इसमें ‘आमचो बस्तर’ के लेखक और वरिष्ठ साहित्यकार राजीव रंजन से बात की वाणी प्रकाशन (नई दिल्ली) की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदिति माहेश्वरी ने।

by पाञ्चजन्य ब्यूरो
Jul 23, 2024, 07:00 am IST
in विश्लेषण, छत्तीसगढ़
राजीव रंजन से बातचीत करतीं अदिति माहेश्वरी।

राजीव रंजन से बातचीत करतीं अदिति माहेश्वरी।

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पूरे छत्तीसगढ़ में जब भी कोई परिचर्चा होती है, तो इसके केंद्र में बस्तर आ जाता है। कारण, एक विशेष विचारधारा ने बस्तर को अंधों का एक ऐसा हाथी बना दिया, जिसे वह जैसा दिखाना चाहती है, वैसा ही दिखाया जा रहा है। बस्तर के साथ अन्याय हुआ है। लेकिन उसके उलट दिखाया गया है। अबूझमाड़ को ही लें। अबूझमाड़ में आज भी लोग मिलकर फसल उगाते हैं और बाद में बराबर बांट लेते हैं। ऐसी परिस्थिति में नक्सलियों को बंदूक लेकर वहां घुसने की क्या जरूरत थी?

बस्तर की सीमाएं महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और झारखंड से लगती हैं। इस कारण देश-विरोधी तत्वों को वहां वारदात करने में सुविधा मिलती हैै। वारदात के बाद ये तत्व सीमावर्ती राज्यों में शरण लेते हैं। ऐसे तत्वों को एक विशेष विचारधारा का संरक्षण मिलता है।

हम नक्सलवाद की बात करते हैं, तो हमें यह सोचने पर मजबूर किया जाता है कि अवश्य ही नक्सली घटनाएं होने वाले स्थानों पर कोई समस्या होगी। उसे सुलझा दिया जाए तो नक्सलवाद की समस्या का भी समाधान हो जाएगा। पर बस्तर में ऐसी कोई समस्या ही नहीं है। इसे एक घटना से समझा जा सकता है। वहां का जनजाति समाज स्थानीय देवताओं की पूजा करता ही है, परंतु यदि देवता सेवा के बाद भी उनकी कोई इच्छा पूर्ण नहीं करते, तो वह उनको भी दंड दिलवाने के लिए भी पहुंच जाते हैं।

बस्तर में एक जगह है भंगाराम, वहां की भंगाराम देवी को सर्वोच्च माना जाता है। वहां पर स्थानीय लोग अर्जी लगाते हैं और देवता की शिकायत करते हैं। बाकायदा यहां देवता ओझा के माध्यम से, पुजारी के माध्यम से अपनी बातें बोलते हैं। भंगाराम देवी कहती हैं यदि देवता सुन नहीं रहा तो तुमने अनादर किया होगा या उनकी कोई बात नहीं मानी होगी। इसलिए देवता सुन नहीं रहा। इस पर देवी ​शिकायत लेकर पहुंचे व्यक्ति से उस देवता को कुछ और समय देने की बात कहती हैं। यदि इस समय सीमा के पार होने के बाद भी वही व्यक्ति देवता की शिकायत लेकर पहुंचता है तो उस देवता को सजा हो सकती है। देवी, देवता को कैद करने का आदेश भी दे सकती हैं, अन्य और कोई सख्त सजा भी सुना सकती हैं। क्या वास्तव में ऐसे बस्तर में नक्सलवाद की जरूरत पड़ सकती है ?

हमारे लिए यह समझना जरूरी है कि बस्तर में नक्सलवाद किसी सामाजिक या आर्थिक समस्या के कारण नहीं है, बल्कि वहां सामाजिक और आर्थिक दिक्कतें नक्सलवाद के ही कारण हैं। शहरी नक्सलियों द्वारा परोसी जा रही विचारधारा के कारण बस्तर का प्रयोग नक्सलवाद और छुपने के लिए हुआ है, क्योंकि सचाई तो यह है कि न तो बस्तर में नक्सलवाद की जगह है, न वहां के लोग ही उनको चाहते हैं।

यह सोचने वाली बात है कि ‘आमचो बस्तर’ जैसी पुस्तक दोबारा आज तक क्यों नहीं लिखी गई? क्यों हम नक्सलियों के मरने की ही खबर चलाते हैं, पर उन्होंने कितनों को मारा, इसकी नहीं? आज आवश्यकता है कि हम मिलकर उस विशेष विचारधारा के विरुद्ध लड़ें, जो बस्तर जैसे समृद्ध विरासत वाले स्थान को केवल नक्सलवाद का केंद्र बनाने पर उतारू है।
प्रस्तुति : साक्षी सारस्वत

Topics: बस्तर में नक्सलवादNaxalism in Bastarअबूझमाड़Abujhmadआमचो बस्तरभंगाराम देवीAmcho BastarBhangaram Deviजनजाति समाजtribal society
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

वर्ग का एक दृश्य

कल्याण आश्रम का अभ्यास वर्ग

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घर को बना दिया चर्च

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घर को बनाया चर्च, ईसाई मतांतरण का प्रयास !

बस्तर में बड़ी सफलता : 1 करोड़ का इनामी नक्सली गाैतम उर्फ सुधाकर ढेर

तुर्किये से लेकर श्रीलंका तक नक्सली बसवराज की मौत का गम, भारत के दुश्मन बहा रहे आंसू

मारे गए नक्सली बसव राजू की डायरी का पन्ना

‘जहां भी हो, छिप जाओ, DRG फोर्स वाले खोजकर…’ नक्सलियों में खौफ, बसव राजू की डायरी ने बताई सच्चाई

Maha Kumbh 2025

प्रयागराज 2025 महाकुंभ की स्मृतियां और अनुभव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies