विदेश मंत्री इशाक डार द्वारा भी इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। एक्स पर उन्होंने लिखा, ‘जर्मन सरकार के सामने पाकिस्तान ने सख्त विरोध दर्ज कराया है। हमने जर्मन सरकार से कहा है कि विएना समझौते के अंतर्गत जर्मनी अपनी जिम्मेदारी पूरी करे तथा उस देश में राजनयिक मिशन तथा देखे कि उसमें काम करने वाले सुरक्षित रहें।’
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में पश्तूनों पर पाकिस्तान की फौज ने जिस प्रकार का दमनचक्र चलाया हुआ है उसके विरुद्ध दो दिन पहले बन्नू में हजारों की संख्या में पश्तूनों ने विरोध प्रदर्शन किया। फौज के विरुद्ध बगावत करते हुए सड़कों पर उतरे पश्तूनों की एकजुटता से बौखलाए फौजियों ने शांति से धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को तितर—बितर करने के लिए गोलियां चला दीं। इसमें सात पश्तूनों की जान चली गई।
खैबर पख्तूनख्वा में अपने लोगों की मौत और जख्मों के विरुद्ध अफगानियों में आक्रोश है। पाकिस्तानी फौज की इस अमानवीयता, अत्याचारों के विरुद्ध गुस्से में भरकर जर्मनी में फ्रैंकफर्ट में रहने वाले अफगानी पश्तूनों ने वहां स्थित पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास को घेर लिया और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन करने वाले कुए प्रदर्शनकारी दूतावास में लगे पाकिस्तान के झंडे तक पहुंच गए और उसे उतार दिया।
अफगान पश्तूनों के इस प्रदर्शन और गुस्से में पाकिस्तानी झंडा उतारने की यह घटना सोशल मीडिया पर साझा हुई। पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास पर हुए अफगान पश्तूनों के इस प्रदर्शन को देखकर जहां खैबर पख्तूनख्वा में संतोष की लहर दौड़ी तो वहीं इस्लामाबाद में बैठे हुक्मरानों की त्योरियां चढ़ गईं। लेकिन उन्हें भी यह जानकर संतोष हुआ कि झंडा हटाने वाले दो लोग पकड़े गए हैं।
स्वाभाविक ही जर्मनी में पाकिस्तान के दूतावास ने अफगान पश्तूनों के इस प्रदर्शन की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि अफगान उपद्रवियों ने फ्रैंकफर्ट में जो बर्बरता दिखाई है उसकी कड़े शब्दों में निंदा की जाती है। हम जर्मन अधिकारियों के साथ बात कर रहे हैं ताकि इस जैसे हालात फिर से देखने में न आएं। हम यह भी पक्का कर रहे हैं कि दंगाइयों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई हो।
इधर पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार द्वारा भी इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। एक्स पर उन्होंने लिखा, ‘जर्मन सरकार के सामने पाकिस्तान ने सख्त विरोध दर्ज कराया है। हमने जर्मन सरकार से कहा है कि विएना समझौते के अंतर्गत जर्मनी अपनी जिम्मेदारी पूरी करे तथा उस देश में राजनयिक मिशन तथा देखे कि उसमें काम करने वाले सुरक्षित रहें।’
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