जनगणना के अब आए आंकड़े दिखाते हैं कि इस दमन के बाद भी हिन्दुओं ने गजब की जिजीविषा दर्शायी है। हर तरह की विपरीत परिस्थितियों में भी संतुलन नहीं खोया है।
पाकिस्तान में जनगणना के 2023 के आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों में संख्या की दृष्टि से मुसलमानों की वृद्धि दर में कमी और हिन्दुओं और सिखों की वृद्धि दर बढ़ी पाई गई है। जनसंख्या के ये ताजा आंकड़े विशेषज्ञों और कट्टरपंथियों को समान रूप से चौकाने वाले माने जा रहे हैं।
ताजा सर्वेक्षण रिपोर्ट से साफ दिखता है कि पाकिस्तान में हिंदुओं की संख्या बढ़ गई है। इसके साथ ही सिखों की आबादी में भी प्रभावी बढ़त देखने में आती है। लेकिन दूसरी ओर, रिपोर्ट बताती है कि मुस्लिमों आबादी की संख्या में उतार देखने में आया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, पिछली जनगणना के वक्त उस देश में हिंदुओं की कुल आबादी लगभग 35 लाख थी, लेकिन 2023 की बात करें तो यह बढ़कर लगभग 38 लाख दर्ज की गई है।
भारत के पड़ोस में जिन्ना के कंगाल देश में, विशेषज्ञों के लिए इन आंकड़ों पर यकीन करना मुश्किल हो रहा है। कारण? वहां 1947 में बंटवारे के बाद से ही हिन्दुओं के विरुद्ध सत्ता की कथित शह पर दमन होता आ रहा है। विशेष रूप से जनजातीय समाज को कन्वर्जन, अपहरण, जबरन निकाह और अन्य अपराधों का शिकार बनाया जाता रहा है। नाबालिग हिन्दू बच्चियों को अगवा करके, जबरन कन्वर्ट करके मुल्ला—मौलवी अधेड़ उम्र के मुस्लिमों से निकाह पढ़ाते रहे हैं। हिन्दुओं के कितने ही गांवों को उजाड़ा गया है। मंदिर ध्वस्त किए गए हैं।
लेकिन जनगणना के अब आए आंकड़े दिखाते हैं कि इस दमन के बाद भी हिन्दुओं ने गजब की जिजीविषा दर्शायी है। हर तरह की विपरीत परिस्थितियों में भी संतुलन नहीं खोया है।
जनगणना का ताजा डाटा दिखाता है कि इस बार पड़ोसी देश में हिंदुओं के साथ ही सिखों की संख्या में भी किंचित बढ़त दिखती है। पिछली जनगणना यानी 2017 के मुकाबले आज सिखों की कुल आबादी 15,998 हो गई है। इसी प्रकार वहां पारसी समाज की संख्या 2,348 दर्ज की गई है। वहां हिन्दुओं की ही तरह ईशनिंदा और कन्वर्जन का शिकार बनाए जाते रहे ईसाई समुदाय की आबादी पहले 26 लाख होती थी लेकिन आज यह 33 लाख आंकी गई है।
पाकिस्तान के मशहूर अंग्रेजी दैनिक द डॉन की इस विषय पर प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान जनगणना ब्यूरो की गिनती के अनुसार, साल 2023 में उस देश की कुल आबादी 24,04,58,089 थी। आज जनसंख्या में मुस्लिमों का हिस्सा 96.47 से कुछ घटकर 96.35 प्रतिशत हो गया है।
जनगणना के आंकड़े एक और चीज से पर्दा हटाते हैं और वह यह है कि पाकिस्तान में महिलओं के मुकाबले पुरुषों की संख्या अधिक है। जहां उस देश में पुरुषों की संख्या 12,43,20,000 आंकी गई है तो महिलाएं 11,71,50,000 हैं। यानी पुरुष महिलाओं के मुकाबले 1.06 प्रतिशत अधिक हैं।
आंकड़े एक और दिलचस्प बदलाव दिखाते हैं। इनसे पता चला है कि अब वहां तलाक की तादाद घटी है। साल 2017 में कुल जनसंख्या में जहां विवाहित 66.12 प्रतिशत थे तो अब यानी 2023 में विवाहितों का कुल प्रतिशत 64.79 है, लेकिन तलाक ले चुकी आबादी 0.42 प्रतिशत से कम हुई है और अब 2023 में यह 0.35 प्रतिशत है। जनगणना के जानकारों का कहना है कि जिन्ना के कंगाल देश में अगर जनसंख्या के बढ़ने की रफ्तार यही रही तो साल 2050 आते आते इसके दुगुनी होने के आसार हैं।
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