घटना, अनुभव, स्मृति और फिर बनती है धारणा… किसी बात पर राय बनाने के लिए व्यक्ति या समाज यही सीढ़ियां तो चढ़ता है! बाकी विषयों को एक ओर रख यदि हम बात करें छत्तीसगढ़ की तो दो दशक से अधिक की आयु पार कर चुके इस राज्य की क्या छवि मन में उभरती है? हिंसा, नक्सलवाद पिछड़ेपन से भरा छोटा सा दयनीय राज्य…छत्तीसगढ़ के इस चित्र में कितनी सचाई है?
राजधानी दिल्ली में पाञ्चजन्य द्वारा 18 जुलाई, 2024 को एक दिवसीय ‘सुशासन संवाद : छत्तीसगढ़’ का आयोजन किया गया। 6 सत्रों के इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की स्थापित धारणा से अलग ही तस्वीर सामने आई। अब तक जो छत्तीसगढ़ को सिर्फ नक्सल समस्या के रूप में जानते-देखते आए हैं, यह पहल उस दृष्टिकोण को छोड़कर आगे बढ़ने का आह्वान करती है।
छत्तीसगढ़ में सिर्फ कुछ नगरों या राजधानी रायपुर तक ठिठके मत रहिए कुछ कदम बढ़ाइए…धमतरी, केशकाल घाटी, बस्तर के विस्तृत फैलाव फर्श गांव, इर्राकोट की सीधी भोली ठसक को अनुभव करिए। कांगेर, दरभा, झीरम घाटियों की चुप्पी हर बार क्यों किसी बुरी खबर से टूटे!
क्यों कुटुमसर और कैलाश गुफाओं का इतिहास, तीरथगढ़ और चित्रकोट का मंत्रमुग्ध करने वाला सौंदर्य अनदेखा रह जाए! हाल की चंद त्रासद घटनाओं, कड़वे अनुभवों और बोझिल स्मृतियों को झाड़कर खड़ा होता छत्तीसगढ़ भविष्य से आंखें मिलाए मुस्कुराने को तैयार हो रहा है। वामपंथी आतंकवाद को करारी चोट देता, नक्सलियों को समेटता यह संकल्प सुशासन का है।
केवल धान का कटोरा नहीं, सेब, काजू, चाय जैसी विविधतापूर्ण उपज से किसानों को समृद्धि देने को आतुर। नए शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों की प्रतिमा गढ़ता, विकास की राह पर बढ़ता यह कोई छोटा बीमारू हिंसा से संत्रस्त राज्य नहीं, बल्कि आकार के मामले में बिहार से ड्योढ़ा और विपुल सम्भावनाओं और संसाधनों से भरा अनूठा प्रदेश। सुशासन की यह अलख थोथी नहीं, कही जा सकती। यह राजनीति का कोई रूखा प्रयोग या परिवर्तन नहीं बल्कि दंतेश्वरी के मंत्र सरीखा है। महतारी वंदन और आतंक का क्रंदन… सहज संवेदनशीलता और स्पष्ट संकल्प- इसे आप क्रियारूप में देख सकते हैं।
छत्तीसगढ़ को अब हल्के में नहीं लिया जा सकता। छत्तीसगढ़ के साथ जो षड्यंत्र हुए हैं, उन्हें समझना होगा। उसे लेकर जो विमर्श चलता है, उस विमर्श पर चर्चा कैसे हो, इस पर विचार करना चाहिए। सत्ता परिवर्तन के बाद राज्य में सुशासन, विकास, रोजगार और निवेश की बयार चली है। नई पीढ़ी का कौशल विकास कर उन्हें भविष्य के लिए गढ़ा जा रहा है, ताकि अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
छत्तीसगढ़ श्रीराम का ननिहाल है। सांस्कृतिक धरोहर, पारंपरिक शिल्प, नृत्य और त्योहार छत्तीसगढ़ की पहचान हैं। वहां का समाज आज भी अपनी परंपराओं को संजोए हुए है। साथ ही, कन्वर्जन और नक्सलवाद से लड़ भी रहा है।
छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन में अग्रणी राज्यों में से एक है। नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देकर कोयले पर निर्भरता कम करने के प्रयास में जुटा है। देश के कुल इस्पात उत्पादन में इसकी लगभग 15 प्रतिशत हिस्सेदारी है। प्राकृतिक संपदा इतनी है कि पूरे देश के लिए विपुल संसाधनों के साथ विकास के नए रास्ते दिखा सकता है। इस अंक में पढ़िए बदलते छत्तीसगढ़ की तस्वीर प्रस्तुत करती अनुरोध भारद्वाज, मासुम्बा चौरसिया, कुलदीप सिंह, महक सिंह, साक्षी सारस्वत, प्रीति, प्रीति यादव, अखिल सिंघल और रविशंकर की रिपोर्ट..
पाञ्चजन्य द्वारा आयोजित एक दिवसीय ‘सुशासन संवाद छत्तीसगढ़’ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर ने विभिन्न मुद्दों पर बात की। इस दौरान उन्होंने नक्सल समस्या, राज्य की विपुल खनिज संपदा, पर्यटन विकास की संभावनाओं, विकास कार्यों और हर क्षेत्र में हो रहे निवेश की पूरी तस्वीर सबके सामने रखी। प्रस्तुत हैं ‘मुख्यमंत्री से सीधी बात’ सत्र के अंश-
‘मुख्यमंत्री से सीधी बात’ सत्र में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि कांग्रेस के गत 5 वर्ष के कार्यकाल में हर तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला था। अपराध चरम पर था। खुलेआम लूट और डकैती हो रही थी। नक्सली सिर उठाने लगे थे। कांग्रेस जनता का भरोसा पूरी तरह खो चुकी थी। लेकिन सत्ता में आने के महज 6 माह में भाजपा सरकार ने सबका विश्वास जीता। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जनता से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने की दिशा में काम किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही पहली कैबिनेट बैठक में हमने 18 लाख गरीबों को आवास प्रदान करने की मंजूरी दे दी। पिछली सरकार में ये लोग आवास पाने से वंचित रह गए थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती (25 दिसंबर) पर किसानों को बकाया 3,716 करोड़ रुपये का एकमुश्त भुगतान कर ‘मोदी की गारंटी’ को पूरा किया। यही नहीं, प्रति एकड़ 21 कुंतल धान की खरीद कराई। एमएसपी के बाद का जो अंतर था, उसकी भरपाई के लिए किसानों को 13,320 करोड़ रुपये का एकमुश्त भुगतान किया। तेंदूपत्ता चुनने से जुड़े 12.5 लाख परिवारों का हित भी पूरा किया।’’
राज्य में कोई भूखा नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रदेश में कोयला, सोना, हीरा सहित कई खनिज भंडार तो हैं ही, 100 से अधिक प्रकार की वनोपज भी हैं। अलग राज्य बनने के बाद शुरुआत में यहां कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन विकास में तेजी भाजपा सरकार में ही आई। पहले प्रदेश में भूख से मौतें होती थीं। लेकिन रमन सिंह सरकार की पीडीएस की योजना से गरीबों के दिन बदले और प्रदेश में कोई भूखा नहीं रहा। उनके नेतृत्व में 15 साल के अंदर सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य हर क्षेत्र में शानदार काम हुआ और देश में राज्य की नई पहचान बनी। लेकिन 2018 में फिर कांग्रेस सत्ता में आई और राज्य पिछड़ता गया। कांग्रेस राज में हर काम में घोटाला हुआ। लेकिन हमारी नीति और नीयत अच्छी है, इसलिए हम प्रदेश को आगे ले जाने में सफल होंगे।
नक्सलियों का सफाया होगा
कुछ जिलों में नक्सल समस्या पर उन्होंने कहा कि सरकार इस समस्या से सख्ती से निपट रही है और इसमें डबल इंजन सरकार का लाभ भी मिल रहा है। अभी तक 33 सुरक्षा शिविर स्थापित किए जा चुके हैं। हर शिविर के 5 किलोमीटर की परिधि में आने वाले गांवों में सारी सुविधाएं पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ‘अच्छा गांव योजना’ भी लागू की गई है। सरकार की 32 योजनाओं का पूरा जोर ऐसी जगहों पर है। अब राज्य में मात्र 5 जिले हैं, जहां 29 और सुरक्षा शिविर स्थापित किए जा रहे हैं। गांव-गांव तक सड़कें पहुंचाई जा रही हैं। साथ ही, राशन कार्ड, शिक्षा चिकित्सा, संचार नेटवर्क, बिजली के क्षेत्र में भी तेजी से काम किया जा रहा है। नक्सलवाद खत्म होते ही बस्तर स्वर्ग-सा दिखेगा, जहां पर्यटन विकास की बहुत संभावना है। सरकार ने तीन वर्ष में नक्सल समस्या को खत्म करने का लक्ष्य रखा है।
राज्य को मिलेगी नई पहचान
संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कृषि सहित वन उपज बढ़ाने के लिए काम कर रही है। मत्स्य पालन, बागवानी को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा रही है। कोयला में आफलाइन सिस्टम बंद करने और शराब को ठेका व्यवस्था से मुक्त करने जैसे फैसले लिए गए हैं। इसके अलावा खनन क्षेत्र में भी सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता का भरोसा जीतना पहले दिन से हमारे लिए बड़ी चुनौती था। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों ने जनता को बहुत निराश और परेशान किया था। सबका विश्वास तोड़ा था। ‘मोदी की गारंटी’ पर भरोसा कर जनता ने फिर से भाजपा को मौका दिया है। ऐसे में सबसे बड़ी जिम्मेदारी जन उम्मीदों पर खरा उतरने की थी। महज 100 दिन में हम जनता का भरोसा हासिल करने में सफल हुए।
हर समस्या का समाधान
राज्य की अन्य समस्याओं से जुड़े सवालों को समाधान की ओर मोड़ते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में इमली बहुत पैदा होती है। महुआ राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है। पहले महुआ का प्रयोग केवल शराब बनाने में किया जाता था, लेकिन अब इससे सैनिटाइजर भी बन रहा है। इसी तरह, फलों का उपयोग अचार बनाने में किया जा रहा है, जिससे अचार उद्योग मजबूत हो रहा है। सरकार के प्रयासों से प्रदेश में निवेश भी अच्छा आ रहा है। इसके अलावा राज्य सरकार नई शिक्षा नीति तो लागू कर ही रही है, व्यावसायिक शिक्षा पर भी समुचित ध्यान दे रही है। सरकारी नौकरियों के अलावा युवा वर्ग निजी रोजगार और व्यवसाय से भी जुड़े, इसके लिए कौशल विकास पर खास ध्यान दिया जा रहा है। इसे देखते हुए अब उद्योगपति भी इसके लिए आगे आ रहे हैं। रायगढ़ में 5,000 युवाओं के लिए स्केलिंग सेंटर खुलने जा रहा है।
भ्रष्टाचार के खात्मे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में हुए भ्रष्टाचार-घोटालों पर सरकार ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपना रही है। पिछली सरकार में रेत, कोयला सहित कुछ क्षेत्रों में बहुत भ्रष्टाचार हुआ था। सरकार भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने में जुटी हुई है। कहीं से भी भ्रष्टाचार की शिकायत आने पर कठोर कार्रवाई की जा रही है। महादेव एप सहित कई घोटालों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम है। लेकिन हम अच्छा काम कर रहे हैं, तो उन्हें बुरा लग रहा है। राज्य सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों के सफल क्रियान्वयन, उपलब्ध संसाधनों के सर्वाेत्तम उपयोग और जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया गया है।
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