मध्य प्रदेश में एक तरफ इस्लाम का लव जिहाद, लैण्ड जिहाद, कन्वर्जन गैर हिन्दुओं के लिए संकट बना हुआ है, तो वहीं ईसाईयत का प्रचार और मतान्तरण के एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। भोपाल में आंचल चिल्ड्रेन होम्स, सीएफआई मॉडल स्कूल हों या झाबुआ में प्रकाश में आया मिशन हायर सेकेंडरी स्कूल परिसर के अंदर स्थित ज्योति भवन मामला अथवा अलीराजपुर के जोबट तथा शहडोल, सागर, छिंदवाड़ा जिलों से हाल ही में सामने आए मतान्तरण के मामले, सभी में एक बात समान है कि हिन्दू विरोध की बातें करना तथा धन का लालच एवं बच्चों को निशुल्क शिक्षा का आश्वासन देकर इनके परिवार जनों को ईसाई बनाया जा रहा था।
ईसाई कन्वर्जन में फॉरेन फंडिग की आशंका
ताजा घटनाक्रम यहां राजधानी भोपाल के पिपलानी क्षेत्र का है इस सप्ताह के प्रारंभ में छोटे रूप में सामने आए इस मामले की जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई नए खुलासे हो रहे हैं। अब पुलिस से मतान्तरण के इस मामले फॉरेन फंडिग की आशंका जताई है। फिलहाल, इसमें तीन महिला और दो पुरुषों की गिरफ्तारी शनिवार तक हो चुकी है। पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि 20 लाख रुपये तक का लालच देकर मतान्तरण के लिए हिन्दू समाज के गरीब जनों को निशाना बनाया जा रहा था। इतनी भारी भरकम राशि कहां से आ रही थी, इसके बारे में अभी जांच जारी है। सभी आरोपियों के बैंक स्टेटमेंट की जांच करने के लिए पुलिस ने संबंधित बैंक की शाखा से संपर्क किया है। फिलहाल, चारों आरोपितों को जमानत पर छोड़ देने की जानकारी मिली है।
पकड़ी गईं तीन महिलाएं नन, एक व्यक्ति अधिवक्ता
दरअसल, घटना इस सप्ताह के शुरूआत की है, जब तीन महिलाएं और इनके साथ दो व्यक्ति भोपाल में कराए जा रहे मतान्तरण के लिए एक जागरुक नागरिक की शिकायत पर पकड़े जा सके। ये पांचों ईसाई रुपयों का लालच, बच्चों की मिशनरी स्कूल में फ्री शिक्षा एवं अन्य सुविधाएं प्राप्त करने के एवज में हिन्दुओं को मतान्तरित होने के लिए तैयार कर रहे थे। इस जागरुक नागरिक ने अपने साथियों की मदद से इन ईसाई महिलाओं को आनंद नगर पुलिस के हवाले किया । मौके से भाग निकले उनके दो साथियों को बाद में पकड़ लिया गया । तीनों आरोपित महिलाएं नन हैं, इनमें से दो महिलाएं भोपाल जबकि एक नर्मदापुरम की रहने वाली है। जबकि, बदाप्रसाद नाम का व्यक्ति पेशे से वकील है, जो कि तेलंगाना राज्य का रहने वाला है और ईसाई मतान्तरण में सहयोग देने के लिए इस समय मध्य प्रदेश आया हुआ है। इसका मत परिवर्तन 2002 में हुआ और तभी से ये अन्य गैर ईसाइयों को भी मतान्तरित करवा रहा है। वहीं पकड़ा गया इनका एक अन्य साथी केरल का निवासी बताया जा रहा है।
पुलिस ने जब्त की मतान्तरण की सामग्री
इस संबंध में पिपलानी थाने के एसआई संतोष रघुवंशी का कहना है कि ईसाई मतान्तरण करा रहीं आरोपितों के नाम मैरी वस्तवाल, मैरी मसीह, सुमन मसीह, चंद्रभान और बदाप्रसाद हैं। पुलिस ने इन सभी के पास से भारी मात्रा में धार्मिक (मतान्तरण) सामग्री से जुड़ी पुस्तकें, पर्चे एवं डायरी जब्त की हैं। एसआई रघुवंशी का कहना था कि इस बारे में शिकायत मिलते ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी। मौके पर तस्दीक कराने पर फरियादी के आरोपों की पुष्टि हुई थी।
पकड़ी गई तीन ननों में एक मैरी वस्तवाल नर्मदापुरम में गर्ल्स हॉस्टल में वार्डन के पद पर कार्य कर रही है। साथ ही वह राजधानी के बागसेवनिया के हब्रान प्रार्थना स्थल से जुड़ी हुई है। वह आज से 11 वर्ष पूर्व 2013 में कक्वर्ट होकर ईसाई बन गई थी । चंद्रभान, बदाप्रसाद, सुमन भी इसी हब्रान प्रार्थना स्थल से अपना जुड़ाव रखते हैं और प्रति सप्ताह की रविवार प्रार्थना के बाद सप्ताह भर गरीब बस्तियों में जाकर के लोगों को ईसाई बनाने का प्रयास करते हैं। इनमें मैरी मसीह क्राइस्ट चर्च गोविंदपुरा से जुड़ी है। पूरे प्रकरण में कोकता निवासी धनवीर सिंह ठाकुर की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया है।
इस तरह से हुआ ईसाई मतान्तरण का खुलासा
उन्होंने पुलिस को बताया कि वे भोपाल के कोकता में शिव नगर ऑटो पार्ट्स नाम से दुकान चलाते हैं। हाल ही में उन्होंने देखा कि जब वे दुकान के बाहर खड़े थे, तभी तीन महिलाएं और दो पुरुष हाथ में ईसाई मतान्तरण की सामग्री लेकर बस्ती के लोगों को कुछ-कुछ समझा रहे थे। वह इन सभी लोगों के पास पहुंचे और उनसे संवाद करने लगे। मिशनरी कार्य में लगी उक्त महिलाओं ने बताया कि वे ईसाई हैं और अपने मत का प्रचार कर रही हैं ।
जब धनवीर सिंह ठाकुर द्वारा यह पूछा गया कि इस धर्म को अपनाने से क्या लाभ होगा? तब इन तीन महिलाओं में से एक ने जवाब दिया कि बीस लाख रुपए दिए जाएंगे। मैं स्वयं भी दो महीने पहले कन्वर्ट हुई हूं। मुझे भी मकान और भारी भरकम नगद राशि दी गई थी, यदि आप कन्वर्ट होते हो तो आपको भी यह मिलेगा। बच्चों की अच्छे स्कूल में पढ़ाई कराए जाने की जिम्मेदारी मिशनरी की रहेगी। तत्पश्चात धनवीर सिंह ठाकुर ने आनंद नगर चौकी पुलिस को फोन कर इस बारे में सूचना दी। इसके बाद हकीकत जानने एवं सामने जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने तीन महिलाओं समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है।
टिप्पणियाँ