मथुरा। कुकर्म के बाद बच्चे की हत्या के सनसनीखेज मामले में मथुरा कोर्ट ने अपराधी दर्याव को फांसी की सजा सुनाई है। उस पर 1.20 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। 2021 में हुई घटना की सुनवाई 24 महीने के अंदर पूरी करते हुए एडीजे विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट रामकिशोर-3 की अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। हत्यारा सब्जी बेचने का काम करता था, जिसने खंडहरनुमा मकान में वारदात को अंजाम दिया था। पीड़ित परिवार ने शक के आधार पर जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, वे सबके पुलिस की जांच में बेगुनाह साबित हुए और फॉरेंसिक साक्ष्यों से असली कातिल बेनकाब हुआ था।
मथुरा के थाना कोसीकलां क्षेत्र में 9 बरस के बच्चे की हत्या से इलाका दहल उठा था। नगला मेव गांव में खाली पड़े मकान में पेड़ से बच्चे का शव लटका हुआ था मिला था। गांव के ही रहने परिवार का बेटा अक्सर वहां खेलने जाता था। पुरानी रंजिश के चलते परिवार ने एक महिला सहित आठ लोगों के खिलाफ कोसीकलां थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एफआईआर में हरिया, मजीद, इस्लाम, रत्ती, सब्बीर, बल्ला, खालिद, मुन्नी उर्फ मुफीद व तीन-चार अज्ञातों पर रंजिशन हत्या का आरोप लगाया था। मौके पर मिले साक्ष्यों के अलावा बच्चे के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन थाना प्रभारी अनुज राणा ने हत्याकांड की विवेचना आगे बढ़ाई। पीएम रिपोर्ट में बच्चे के साथ कुकर्म और गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई थी, जिसकी वजह से पुलिस ने घटना की कई पहलुओं से छानबीन की।
पुलिस ने फारेंसिक जांच के लिए मौके से मिले कंडोम आगरा लैब भिजवाया। जांच में पता लगा कि जिस व्यक्ति के खंडहरनुमा मकान में घटना हुई थी, वह हरियाणा के मेवात में रहता था। हालांकि उसका भाई दर्याव उन दिनों गांव में रहकर सब्जी बेचने का काम कर रहा था। 42 बरस के दुर्याव को कभी-कभार खंडहर में जाने वाले बच्चों के साथ खेलते भी देखा जाता था। इससे पुलिस को दुर्याव पर संदेह हुआ था। दर्याव से पूछताछ की गई तो वह लगातार गुमराह करने की कोशिश करता रहा। घटना के दिन उसने सब्जी बेचने जाने की बात कही थी, लेकिन सम्बंधित जगह के सीसीटीवी फुटेज में उसकी मौजूदगी नहीं पाई गई। ग्राहकों ने भी बताया कि उस दिना दुर्याव सब्जी बेचने नहीं आया था।
शक गहराने पर जांच अधिकारी ने दर्याव का सीमन, खून, नाखून के नमूने फारेंसिक मैचिंग के लिए लैब भिजवा दिए। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में हुई नमूनों की जांच में इस बात की पुष्टि हो गई कि कंडोम में मिला सीमन दर्याव का ही था। इससे साबित हो गया कि वारदात सब्जी बेचने वाले दर्याव ने ही की थी। इसे देख्ते हुए पुलिस ने एफआईआर में नामजद लोगों को क्लीन चिट दे दी और कोर्ट में दर्याव के खिलाफ मजबूत साक्ष्यों के साथ चार्जशीट कोर्ट दाखिल की। जिसके बाद एडीजे विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट रामकिशोर-3 की अदालत में मुकदमे की सुनवाई हुई।
विशेष लोक अभियोजक मथुरा अलका उपमन्यु ने मीडिया को बताया कि करीब 24 महीने की सुनवाई के बाद कोर्ट कोर्ट ने साक्ष्यों व गवाही के आधार पर दर्याव को लोमहर्षक घटना का दोषी करार दिया है। उसे फांसी की सजा सुनाई गई है। साथ ही 1.20 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट का फैसला आते ही शैतान दर्याव फूट-फूटकर रोता नजर आया। सजा सुनाए जाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।
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