दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन का अंतरिम जमानत आवेदन मंगलवार को विशेष अदालत ने खारिज कर दिया है। विशेष जज राकेश सयाल ने स्वास्थ्य आधार पर दाखिल इस अंतरिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आरोप गंभीर हैं और मामले की जांच जारी है।
अदालत ने जैन की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए उनके जमानत आवेदन पर विचार किया, लेकिन यह पाया कि मौजूदा सबूत और आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, जिसके चलते अंतरिम जमानत देना उचित नहीं है। सत्येंद्र जैन की कानूनी टीम ने अदालत में दलील दी थी कि उनकी सेहत ठीक नहीं है और उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता है।
हालांकि, अदालत ने यह माना कि जेल में रहते हुए भी उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है।
बता दें कि सत्येंद्र जैन पर फर्जी कंपनियां बनाकर धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का आरोप है। इस मामले में वे पहले से ही जेल में बंद हैं। लेकिन जैन की समस्याएं तब और बढ़ गईं, जब बीते दिनों उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच की सिफारिश को मंजूरी दी। यह जांच दिल्ली में सीसीटीवी लगाने में हुई देरी और भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित है।
आरोप है कि जैन ने दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाने के काम में देरी के लिए एक कंपनी पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के जुर्माने को माफ करने के लिए 7 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। इस मामले में भ्रष्टाचार की जांच की सिफारिश के बाद से ही जैन की स्थिति और भी कठिन हो गई है।
सत्येंद्र जैन की मुसीबतें अभी खत्म होती नहीं दिख रही हैं, क्योंकि भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।
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