भारत में बेरोजगारी को लेकर रोना रोने वाले विपक्ष के एजेंडे पर रिजर्व बैंक ने अपने आंकड़ों के जरिए पानी फेर दिया है। रोजगार को लेकर जारी अपनी रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2024 में भारत में कुल 46.7 मिलियन से अधिक नौकरियां बढ़ी हैं। ये वित्त वर्ष 2023 में 596.7 मिलियन से अधिक यानि कि 6 फीसदी अधिक है।
इसे भी पढ़ें: हाथरस भगदड़ कांड में एसडीएम व सीओ समेत 6 सस्पेंड, योगी आदित्यनाथ सरकार ने की बड़ी कार्रवाई
केंद्रीय बैंक ने सोमवार को जारी एक आंकड़े में कहा कि यह अनुमान CMIE जैसे निजी सर्वेक्षणों द्वारा उच्च बेरोजगारी दरों की ओर इशारा करते हुए बताए गए आंकड़ों से कहीं अधिक हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि देश में रोजगार 2023 में 3.2 प्रतिशत थी। रिजर्व बैंक के आकंड़ों के मुताबिक, वर्ष 2023-24 में कुल रोजगार 643.3 मिलियन थी। वहीं वित्त वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 596.7 मिलियन रहा है। बता दें कि केंद्रीय बैंक उत्पादकता और रोजगार के स्तर का अनुमान लगाने के भारतीय रिजर्व बैंक सरकार के राष्ट्रीय खातों और श्रम मंत्रालय के डेटा का इस्तेमाल करता है।
इसे भी पढ़ें: Rajasthan: भजनलाल सरकार स्कूलों में मनाएगी रामलला प्राण प्रतिष्ठा दिवस, जारी किया कैलेंडर
गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक ने यह रिपोर्ट तब जारी की है, जबकि उससे कुछ वक्त पहले डेटा ब्रोकरेज कंपनी सिटीग्रुप की रिपोर्ट के एक सप्ताह के अंदर ही आया है, जिसमें दावा किया गया था कि 7 फीसदी जीडीपी की सालाना वृद्धि के बाद भी 8-9 मिलियन नौकरियों का ही सृजन किया जा सका है। सिटी ग्रुप का कहना है कि इतनी युवा आबादी वाले देश में 11-12 मिलियन नौकरी की आवश्यकता के हिसाब से कम है।
इसे भी पढ़ें: फिर हुआ Chinese साजिश का खुलासा, Satellite तस्वीरों ने दिखाया-Ladakh सीमा पर कर रहा हथियार जमा
उल्लेखनीय है कि कई राजनीतिक विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा को मुद्रास्फीति और नौकरियों में कमी के कारण ही स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था।
टिप्पणियाँ